BareillyLive, बरेली। हृदय और फेफडों के अचानक काम करना बन्द कर देने की स्थिति में जब किसी व्यक्ति को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध न हो उस समय आवश्यक परीक्षण के बाद सीपीआर ही वह प्रक्रिया है जिससे किसी की जिंदगी बचायी जा सकती है। नागरिक सुरक्षा कोर के सहायक उपनियंत्रक प्रमोद डागर ने यह जानकारी विशप मण्डल इण्टर कालेज में चल रहे जिला स्काउट-गाइड प्रशिक्षण शिविर में वरिष्ठ प्रशिक्षकों को सीपीआर का डेमो करके दी।
श्री डागर ने बताया कि कई बार आपदा, दुर्घटना अथवा कहीं भी यदि किसी व्यक्ति की श्वसन क्रिया बन्द हो जाती है। किन्तु गले के नीचे की नसों में स्पन्दन हो रहा होता है। ऐसे में प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा सीपीआर विधि से मौत से जूझ रहे व्यक्ति की जान को चालीस प्रतिशत तक सुरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक बात यह है कि सीने के केन्द्र से दो इंच नीचे पसलियों के मध्य में समान रूप से 15 मिनट तक तेज दबाव दिया जाये। इससे हृदय और फेफडों के मध्य श्वसन के गतिरोध को हटाया जा सके।
नागरिक सुरक्षा कोर सिविल लाइंस प्रभाग द्वारा आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण में डिवीजनल वार्डन दिनेश यादव एवं डिप्टी डिवीजनल वार्डन मो. उस्मान नियाज ने कई स्काउट प्रशिक्षकों को बुलाकर उनसे सीपीआर का डेमो कराया। सीपीआर देते समय पंजों व घुटने के बल बैठकर कोहनी सीधी रखकर दबाव डालने का सही तरीका भी बताया।
विष्णु इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य एवं जिला स्काउट कमिश्नर शरद कान्त शर्मा ने भी वहॉ मौजूद प्रशिक्षकों को सीपीआर का डेमो करके दिखाया। उन्होंने कहा कि स्काउट्स को नागरिक सुरक्षा व आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जाती तथा सीपीआर प्रशिक्षण लेने के बाद वे नागरिक सुरक्षा और बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
विशप मण्डल इंटर कालेज के प्रधानाचार्य व जिला स्काउट सचिव जगमोहन ने नागरिक सुरक्षा के लिए सीपीआर प्रशिक्षण को आवश्यक बताया। उन्होंने सहायक उपनियंत्रक प्रमोद डागर, डिवीजनल वार्डन दिनेश यादव, डिप्टी डिवीजनल वार्डन मो.उस्मान नियाज का धन्यवाद किया। साथ ही समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण आयोजित कराते रहने का भी अनुरोध किया। उन्होंने वहां उपस्थित सिविल लाइंस प्रभाग के आईसीओ अनिल कुमार शर्मा, पोस्ट वार्डन असद जैदी, आलोक शंखधर, अर्चना राजपूत, डिप्टी पोस्ट वार्डन दीप्तॉशु दीक्षित, सत्यपाल, सेक्टर वार्डन विशाल शर्मा व विजय खुराना का भी आभार व्यक्त किया।