BareillyLive : जीवन रेखा हीमोफीलिया जन कल्याण समिति के तत्वाधान में जिला अस्पताल बरेली के सभागार में एक जागरूकता एवं विकलांग कैंप संपन्न हुआ, कैंप में बतौर मुख्य अतिथि अपर नगर मजिस्ट्रेट तृप्ति गुप्ता ने विकलांग सर्टिफिकेट वितरित किए, कार्यक्रम का शुभारंभ अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर मेघ सिंह ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सकों के द्वारा हिमोफीलिया बीमारी के रूप में विस्तार से बताया गया एवं जांच उपरांत 28 हीमोफीलिया विकलांगों को प्रमाण पत्र जारी किए गए। अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर मेघ सिंह ने बताया कि हीमोफीलिया आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ कहा जाता है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अपर नगर मजिस्ट्रेट तृप्ति गुप्ता ने बताया हीमोफीलिया ऐसी बीमारी है अगर शरीर से खून बहता है तो फिर रुकता नहीं है। यह चोट या दुर्घटना के समय और जान लेवा साबित होती है। इसका इलाज अन्य बीमारियों की तुलना में महंगा है। इसी वजह से बहुत से लोग चाह कर भी इलाज नहीं करा पाते हैं। लेकिन अब ऐसे मरीजों के लिए निशुल्क इलाज की भी सुविधा है। साथ ही प्रधानमंत्री ने 2019 में हीमोफीलिया के मरीजों को दिव्यांग की श्रेणी में शामिल कर दिया है। जिससे उन्हें वह सभी सुविधाएं मिलती हैं जो दिव्यांगों को मिलती हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सौरभ शर्मा ने कहा कि जाड़े के मौसम में इस बीमारी को लेकर परिवार के लोगों को अधिक सजग रहना चाहिए क्योंकि इस बीमारी का सीधा संबंध जोड़ों और जॉइनट से होता है जो ठंड में परेशानी खड़ी करते हैं। अध्यक्ष रेखा रानी ने बताया कि वर्तमान में उनके पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश बरेली मंडल उत्तराखंड के कई जनपदों के हिमोफीलिया पीड़ित पंजीकृत है जिनके बेहतर भविष्य को लेकर वे सजग और संघर्षरत हैं। कार्यक्रम में संरक्षक महेश पंडित, वरिष्ठ समाजसेवी नदीम शमसी, सचिव राजेश रस्तोगी, अतर सिंह, हैदर अली, रामकिशोर, मंजू देवी, शबनम बी, सुलेमान भाई, अकरम भाई आदि लोगों ने कार्यक्रम में विशेष सहयोग किया। कैंप में डॉक्टर संजय सिंह, डॉ राजीव गुप्ता, उत्तम सिंह, डॉक्टर शुक्ला, डॉक्टर बृजेश पाठक उपस्थित रहे।