BareillyLive. आईएमए-बरेली और श्री सर्वेश्वरनाद चैरिटेबल ट्रस्ट ने आईएमए सभागार में ध्यान और उपचार पर एक वार्ता का आयोजन किया। इसमें ध्यान और उपचार “पारंपरिक और आधुनिक वैज्ञानिक के बीच एक अंतरफलक“ विषय पर शैवाचार्य डॉ स्थानेश्वर तिमलसीना ने विचार रखे। आचार्य स्थानेश्वर सेंट डीयगो में रिलिजस स्टडीज़ के प्रफ़ेसर हैं।
एक घण्टे चले कार्यक्रम में उन्होंने विज्ञान और ध्यान के साथ ही कल्पना और ध्यान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इमेजिनेशन और मेडिटेशन में अन्तर बताते हुए ध्यान को गहन प्रक्रिया बताया। कहा कि ध्यान केवल स्वयं को रिलैक्स फील कराने का नाम नहीं, बल्कि स्वयं को जानने की प्रक्रिया है। उन्होंने विज्ञान भैरव तंत्र और विपश्यना का जिक्र करते हुए ध्यान की विधि पर प्रकाश डाला। उन्होंने अलग-अलग शास्त्रों और उनकी परम्परा को आज की युवा पीढ़ी में जीवित रखने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ध्यान और योग के माध्यम से अनेक बीमारियों के इलाज में सहायता मिल सकती है। अधिकांश बीमारियों की जड़ हमारी जीवनचर्या है।
आज के डिस्कशन टॉपिक्स योग, समख्या वेदान्त, अगमा, तन्त्र, त्रिका, स्पंदा, प्रत्यभिजा रहे। उन्होंने मेडिटेशन और उससे होने वाली शारीरिक और मानसिक हीलिंग पे चर्चा की। वहां बैठे ऑडियन्स ने आचार्य से इस विषय पर कई सवाल पूछे, जिनका उन्होंने सारगर्भित उत्तर दिये।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. विनोद पागरानी ने कहा कि चाहे कैन्सर हो या डायबिटीज या फिर मांसपेशियों में कमजोरी हो, सभी में अनियमित खानपान, व्यायाम नहीं करना या तनाव इसके मूल में होता है। इसके इलाज में योग और ध्यान बहुत सहायक होते हैं।
इससे पूर्व आईएम के अध्यक्ष डॉ. विनोद पागरानी ने उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर डॉक्टर गौरव गर्ग, डॉक्टर सचिन अग्रवाल, डॉक्टर विवेक मिश्रा, डॉक्टर राजीव गोयल, डॉक्टर प्रधान, डॉक्टर सुशील टण्डन समेत अनेक डॉक्टर्स और गणमान्य नागरिक उपस्थिति रहे।