जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ (Joshimath) में आ रही दरारों के मद्देनजर यहां पर सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने इस संबंध में जानकारी दी। जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव और मकानों में आ रही दरारों के कारण मौत के साये में रह रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को खुद यहां पहुंचे हैं। उन्होंने जोशीमठ में घूमकर सड़कों और घरों पर पड़ी दरारों का निरीक्षण किया।
डीएम ने जानकारी देते हुए कहा, ‘जोशीमठ में अभी के हाल को देखते हुए यहां अगले आदेश तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। सीएम पुष्कर धामी खुद यहां पर आकर भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। वह यहां रिलीफ कैंपों में जाएंगे।’ जोशीमठ में हालात के मद्देनजर एक्सपर्ट्स की टीम और एनडीआरएफ को भी तैनात कर दिया गया है। धामी यहां पहुंच गए और निरीक्षण किया।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने हेलंग बाईपास के निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है।
जोशीमठ नगर में भूधंसाव की बढ़ती समस्या को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ जानकारी सामने आई है कि जोशीमठ में सिंहधार वार्ड में भूधंसाव के कारण एक मंदिर ढह गया। जमीन धंसने के कारण मां भगवती का एक पौराणिक मंदिर भरभरा कर एक मकान के ऊपर गिरा, जिससे मकान की छत पर दरारें आ गई।
प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों रखा गया है। नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने शिफ्ट किया है जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया है। राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड के मार्ग पर 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित शहर भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है।

विभिन्न इलाकों में अब तक 561 मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं।
जोशीमठ के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडस और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।

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