लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। उत्तर प्रदेश में जिन 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से पांच के लिए उसने अपने उम्मीदवारों की घोषणा दूसरी सूची में कर दी है। इनमें से दो उम्मीदवार कांग्रेस की वंशवादी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी हाईकमान के वफादार नेताओं के परिवारों से हैं जबकि दो उम्मीदवार बड़े नेताओं के खासमखास माने जाते हैं।

मंगलवार शाम को जारी दूसरी सूची के अनुसार सोनिया और राहुल गांधी के खासमखास और दलित चेहार माने जाने वाले पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया को बाराबंकी जिले की जैदपुर सीट से टिकट दिया गया है। तनुज बीता लोकसभा चुनाव भी लड़े थे और बुरी तरह हारे थे। सहारनपुर जिले की गंगोह सीट से नौमान मसूद को उम्मीदवार बनाया गया है। नौमान कांग्रेस के  प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक इमरान मसूद के भाई हैं। वह नगर पालिका गंगोह के अध्यक्ष भी रहे हैं। लखनऊ कैंट क्षेत्र से दिलप्रीत सिंह को उम्मीदवार बनाने का फैसला कुछ चौंकाने वाला है। दिलप्रीत को कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू का नजदीकी माना जाता है। उन्नाव के मूल निवासी दिलप्रीत को कांग्रेस में डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के कार्यकाल में पहचान मिली थी पर बाद में उन्होंने लल्लू से नजदीकी बढ़ा ली। दिलप्रीत को टिकट मिलने से पूर्व विधायक बोधलाल शुक्ला, प्रदीप सिंह और वीरेंद्र मदान समर्थकों में मायूसी है।

प्रतापगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी की खास पसंद माना जा रहा है। ब्राह्मण कार्ड चलने की कोशिश में मानिकपुर से रंजना पांडेय को टिकट थमाकर पार्टी ने जातीय समीकरण साधने का दांव चला है।

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