BareillyLive : उपजा प्रेस क्लब में कार्यक्रम के दूसरे सत्र के आयोजन की अध्यक्षता डीआईजी प्रोन्नत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश चौरसिया ने की। सर्वप्रथम उन्होंने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर इस सत्र का शुभारंभ किया। उनके साथ में विशिष्ट अतिथि सिटी मजिस्ट्रेट श्री राकेश गुप्ता एवं जिला सूचना अधिकारी डा. वाई.पी. सिंह रहे। इस अवसर पर बरेली के सबसे सीनियर व वयोवृद्ध पत्रकार शंकर दास जी को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। विकास सक्सेना ने उनका परिचय दिया। उपजा अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना ने एसएसपी से उनका परिचय कराया। एसएसपी श्री चौरसिया ने कहा कि शंकर दास जी जैसे सीनियर व्यक्तित्व को सम्मानित करके उनका सम्मान बढ़ा है। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने सभी अतिथियों को अपनी लिखी पुस्तक ‘कलम बरेली की’ भेंट की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने कहा कि हम सभी 24 घंटे दवाब में रहते हैं, स्ट्रेस में रहते हैं, हमें योगा और मेडीटेशन को लाइफ में अपनाना चाहिए। साथ ही पर्सनल लाइफ भी मेंटेंन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह पहले यूपी से बाहर थे। उन्होंने देखा कि लोग मीडिया से ही अपना ओपीनियन बनाते हैं, इसलिए मीडिया को भी जिम्मेदारी के दायित्व का निर्वहन करना परम आवश्यक है, इसके लिए संतुलन बनाकर रखना भी जरूरी है। एक अच्छी क्राइम फ्री सोसाइटी बने व निष्पक्ष पत्रकारिता हो। कार्यक्रम में एसएसपी ने आध्यात्मिक गुरू धर्मेन्द्र कुमार को तथा राधेश्याम कथावाचक समिति के प्रमुख कुलभूषण शर्मा को उनके सेवा कार्यों के लिए उत्कृष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया। जाने माने शिक्षाविद आलोक प्रकाश को भी उनके सामाजिक व शैक्षणिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। एसएसपी ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कोतवाली के प्रभारी हिमांशु निगम व जन संपर्क अधिकारी ललित मोहन को भी सम्मानित किया।

सिटी मजिस्ट्रेट राकेश गुप्ता ने अपने सारगर्भित भाषण में इंसानी जीवन की आधारभूत मनोस्थितियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। जिला सूचना अधिकारी डा. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि पत्रकारिता (मीडिया) ने सदैव ही भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी के खिलाफ आंदोलन चलाया। आज कोई सरकार इन विषयों की अनदेखी नहीं कर सकती। सामाजिक असमानता के खिलाफ मीडिया की आवाज की वजह से 2014 में बदलाव हुआ। कोरोना के समय में सबसे बड़े वारियर मीडिया के ही बंधु रहे थे। जिन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना परेशान लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाया। आज भी मीडिया ही दिशा तय करती है। यह चौथा स्तम्भ ही राष्ट्र का सच्चे अर्थों में पथ प्रदर्शक है।

उपजा अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना ने कहा कि “गवर्नेस के तीन माडल हमने देखे, एक में राजा और प्रजा यानी राजशाही, फिर गुलामी या कहें कि कोलोनियल या उपनिवेश काल और फिर लोकतंत्र।” लोकतंत्र में हमें नागरिक बनाया। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह लोकतंत्र हमे एक दिन में मिल गया हो। काफी संघर्षो के बाद हमने इसको प्राप्त किया है, यह अनवरत चलता रहे इसके लिए इसको हर दिन बचाकर रखने की जिम्मेदारी हम सभी पत्रकार साथियों के कंधों पर है इस काम में मीडिया एक प्रमुख रोल निभा भी रहा हैं। अतः आज हम सभी कलमकारों का यह दायित्व है कि हम सदैव ही लोकतंत्र के मूल्यों को जीवंत बनाए रखने हेतु तत्पर रहें। कार्यक्रम का संयोजन पुत्तन सक्सेना, अजय मिश्रा, आशीष जौहरी, रति सिंह व पंकज शर्मा ने किया। इस अवसर पर रनदीप सिंह, विकास साहनी, कुमार विनय, विकास सक्सेना, अरविंद कुमार, अनूप मिश्रा, नीरज आनंद, मलिक राजपूत, संजीव गंभीर, जय प्रकाश राजपूत, जनार्दन आचार्य, धर्मेन्द्र रस्तोगी, अयाज खान, आलोक गुप्ता सिटिल, अमित शर्मा, सुरेश रोचानी, विजय सिंह, मुनीर आलम, सुनील शर्मा, विशाल गुप्ता, आलोक शंखधार, प्रवीन शंखधार, आरके जोशी, महेन्द्र मनुज, धीरू यादव, विशन आर्या, सचिन श्याम भारतीय, विवेक मिश्रा, राजन चौधरी, ताहिर बेग, विजय सिंह, सौरभ शर्मा, मुकेश तिवारी, विवेक मिश्रा, शुभम ठाकुर, फहीम करार, मोहित मासूम, विकास सक्सेना, गुलरेज, दीपक कुमार, गुडविन मसीह, शैलेन्द्र सक्सेना, दिव्यतोष समेत बड़ी संख्या में पत्रकार व समाज के प्रमुख गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन लोकतंत्र रक्षक सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र अटल ने किया। अंत में महामंत्री धर्मेन्द्र सिंह ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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