BareillyLive : जमुना प्रसाद मेमोरीयल महाविद्यालय के सभागार में कृषि विज्ञान केंद्र भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के पढ़ रहे विद्यार्थियों को फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देना था जिससे वह अपने क्षेत्र के किसानों को उपरोक्त समाधान के बारे में बता सके। उपरोक्त कार्यशाला में डेढ़ सौ छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निर्देशक मनोज कांडपाल द्वारा की गई, उन्होंने कहा कि फसल अवशेष हमारे खेत के लिए भोजन का काम करते हैं जो कि खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ उस में उत्पादित उपज की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उपरोक्त कदम किसानों को खुशहाली प्रदान करेगा।
कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर आर एल सागर ने कहा कि किसान भाई अपनी पराली में बिल्कुल भी आग ना लगाएं जिससे पर्यावरण दूषित होता है एवं अति आवश्यक पोषक तत्वों का नुकसान होता है और पैदावार भी कम होती है साथ ही साथ पराली जलाने पर नियमानुसार ₹5000 तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आईवीआरआई के मुख्य विषय विशेषज्ञ फसल विज्ञान के डॉ राकेश पांडे ने बताया की फसल अवशेष प्रबंधन की कई मशीनें हैं जो किसानों को अनुदान पर उपलब्ध हैं जिनके द्वारा किसान पराली को आसानी से खेत में मिला सकते हैं तथा वेस्ट डी कंपोजर द्वारा कम समय में पराली को सड़ा कर आगामी फसल बोई जा सकती है मुख्य रूप से मशीनें हैप्पी सीडर, सुपर सीडर जीरो टिलेज मशीन श्रम मास्टर मल्चर आदि किसानों को 80% तक अनुदान पर उपलब्ध है साथ ही साथ यह भी बताया कि 1 टन पराली में आग लगने से 3 किलोग्राम सूक्ष्म कणों के भाग 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड गैस 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड गैस 199 किलोग्राम राख 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड गैस के अलावा विभिन्न तरह का प्रदूषण होता है जो हमारे शरीर, आंखों और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।जागरूकता कार्यशाला के दौरान विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 15 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्प्रे मशीन देकर पुरस्कृत भी किया गया इसके लिए संस्थान के चेयरमैन श्री योगेश पटेल ब्लॉक प्रमुख भोजीपुरा, एमडी आर्क वैभव पटेल एवं निदेशक डॉ मनोज कांडपाल द्वारा विजय प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र के श्री डीडी शर्मा, संस्थान के डॉ मोहम्मद नईम, मि सुनील कुमार आदि का विशेष योगदान रहा
कार्यक्रम का संचालन मि अंकुर टंडन एवं मि अमरीश गंगवार द्वारा किया गया।