BareillyLive : रोडवेज परिषद द्वारा 07 जनवरी 2023 के प्रबन्ध निदेशक को दिए गए 16-सूत्रीय मांग-पत्र पर अपर प्रबंध निदेशक महोदया की अध्यक्षता में रोडवेज परिषद के प्रतिनिधि-मंडल के साथ लम्बी वार्ता हुई। इस वार्ता में मांग-पत्र के बिंदुओं पर हुई चर्चा में निम्नवत आश्वासन/निर्णय/सहमति दी गयी :-
(1) किराया वृद्धि लागू होते ही इम्पावर्ड कमेटी के स्तर पर लंबित 11% महंगाई भत्ते के भुगतान के संबंध में शीघ्र निर्णय कराया जाएगा तथा इसके पश्चात शेष 10% (कुल 38%) महंगाई भत्ते के भुगतान का प्रस्ताव निगम निदेशक-मंडल के समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त परिषद द्वारा देय तिथि से भिन्न तिथि से स्वीकृत महंगाई भत्ते की किस्तों का लाभ देय व स्वीकृत तिथि के मध्य सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को (उनके सेवानिवृत्तीय हितलाभों के प्रयोजनार्थ) अनुमन्य किये जाने की मांग व प्रस्तुत तर्क व तथ्य को संज्ञान लेकर इस पर विचार करने का आश्वासन दिया गया।
(2) 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त संविदा चालकों-परिचालकों व दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के नियमितीकरण का प्रकरण शासन में लंबित होने और इस संबंध में निगम से किए गए प्रयासों से अवगत कराते हुए आश्वस्त किया गया कि शासन की इसी माह की गई प्रेक्षानुरूप इस पर आ रहे व्यय भार का आंकलन कर शासन को सूचित कर दिया गया है, इसपर शासन स्तर से शीघ्र निर्णय कराने का प्रयास किया जाएगा, इसी प्रकार मृतक आश्रितों की नियुक्ति संबंधी प्रकरण भी शासन में लंबित होने की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए निगम स्तर से यथा आवश्यक प्रयास करने हेतु आश्वस्त किया गया।
(3) उत्कृष्ट व उत्तम श्रेणी के संविदा चालकों-परिचालकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने के संबंध में परिषद द्वारा प्रस्तुत तर्कों को उचित बताते हुए अपर प्रबंध निदेशक महोदया द्वारा आश्वस्त किया गया कि इनके पारिश्रमिक में भी बढ़ोतरी पर यथोचित स्तर से निर्णय कराया जाएगा। आउटसोर्स कर्मियों के पारिश्रमिक में वृद्धि की मांग पर आश्वस्त किया गया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम में निर्धारित मजदूरी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में किए जा रहे पारिश्रमिक के भुगतान में समुचित वृद्धि करने हेतु निर्णय किया/कराया जाएगा। निगम मुख्यालय/क्षेत्रीय/डिपो कार्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर व अन्य श्रेणी के आउटसोर्स कर्मियों के पारिश्रमिक में वृद्धि का निर्णय 1 सप्ताह के अंदर ले लिया जाएगा।
(4) प्रतिनिधि-मंडल द्वारा कर्मचारियों की कमी के चलते उनके ऊपर काम का अत्यधिक भार होने से डिप्रेशन की धरातल पर उत्पन्न स्थिति से प्रबन्धपक्ष को अवगत कराया गया और यह कहा गया कि इसके समाधान हेतु वर्तमान बस-बड़े की बसों की संख्या के आधार पर पूर्व निर्धारित कर्मचारी नार्म के हिसाब से प्रत्येक पद के कर्मचारियों की संख्या का आगणन कर रिक्त पदों की वास्तविक स्थिति प्रसारित की जाय ताकि कार्यालयों में लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारियों के साथ ही साथ संचालन व तकनीकी शाखा के कर्मचारियों की कमी को दूर करने के उपाय खोजे जा सकें। प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस संबंध में आवश्यक शासनादेशों व आदेशों-निर्देशों के साथ तर्क व तथ्य प्रस्तुत किए गए, इस पर अपर प्रबंध निदेशक महोदया द्वारा प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) को वर्तमान बस-बड़े के आधार पर पदों की संख्या का आगणन कर विवरण प्रस्तुत के निर्देश दिये गए, ताकि उसे यथावश्यक निगम निदेशक-मंडल के समक्ष प्रस्तुत करने पर विचार किया जा सके।
(5) प्रदेश से बाहर तैनात कर्मिकों के भी मकान किराया भत्ता के पुनरीक्षण के संबंध में प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत शासनादेशों व तथ्यों के दृष्टिगत वित्त नियंत्रक महोदय द्वारा इसके आदेश शीघ्र प्रसारित करने/कराने का निर्णय लिया गया।
(6) वेतन विसंगतियों के निस्तारण/समाधान की मांग पर निगम स्तर से आवश्यक प्रयास तेज करने हेतु आश्वस्त किया गया तथा प्रोन्नत के रिक्त पदों को भी शीघ्र ही भरे जाने हेतु आश्वस्त किया गया।
(7) राष्ट्रीय पर्व के दिन ड्यूटी करने वाले कार्मिकों के 1 दिन के लम्बित वेतन के भुगतान पर सहमति व्यक्त करते हुए, राष्ट्रीय पर्व के दिन ड्यूटी करने वाले पर्यवेक्षकों को भी 1 दिन का वेतन भुगतान करने में क्षेत्रों में अपनाई जा रही भिन्न-भिन्न व्यवस्था में एकरूपता लाकर इन्हे भी भुगतान करने की स्थिति को रिव्यू किया जाएगा। इसके साथ ही प्रमुख पर्वों पर लागू की जाने वाली प्रोत्साहन योजना में छूटे कुछ महत्वपूर्ण संवर्गों को भी सम्मिलित किए जाने पर विचार कर निर्णय लिए जाने हेतु आश्वस्त किया गया।
(8) संविदा चालकों-परिचालकों हेतु वर्तमान में लागू दुर्घटना बीमा योजना के स्थान पर “टर्म पॉलिसी” (अर्थात नियमित कार्मिकों की भांति नेचुरल डेथ पर भी बीमा का हितलाभ मिलना) लागू करने की मांग को उचित बताते हुए इस पर विचार कर निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया गया। इसके अतिरिक्त नियमित कर्मचारियों हेतु लागू सामूहिक बीमा योजनाओं की स्थिति के संबंध में परिषद द्वारा प्रस्तुत स्थिति, तर्क व तथ्यों का संज्ञान लेते हुए इसे परिषद की मांग के अनुसार और अधिक लाभदायी बनाने के उद्देश्य से इस पर पुनर्विचार करने हेतु आश्वस्त किया गया। इसी प्रकार कर्मचारी कल्याण कोष योजना में मिलने वाले लाभ को और लाभदायी बनाने के उद्देश्य से इसको भी रिव्यू करने पर सहमति बनी।
(9) परिवहन निगम को सशक्त करने से संबंधित मांगों पर प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया गया कि 775 साधारण बसों की बस बॉडी निर्माण का कार्य गतिशील है, साथ ही साथ 100 सीएनजी बसों का भी प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त 650 साधारण बसों को खरीदने से संबंधित आर्डर दिया जा चुका है। कुल मिलाकर आगामी जुलाई-2023 तक 1825 बसें बस-बड़े में शामिल करने ही योजना पर युद्व स्तर पर काम चल रहा है। निगम व निजी बसों के यात्री-कर की दरों में विद्यमान असमानता का समाधान कराने हेतु निगम स्तर से प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रकार नए बन चुके व बन रहे एक्सप्रेसवेज व हाईवेज वाले मार्ग भी निगम के अधीन ही रहें इसका प्रयास निगम स्तर से किया जा रहा है। शेष मांगों पर बाद में चर्चा करने हेतु आश्वस्त किया गया। इस वार्ता में प्रबंध पक्ष की ओर से सुश्री अन्नपूर्णा गर्ग, अपर प्रबंध निदेशक महोदया के अतिरिक्त संजय सिंह, वित्त नियंत्रक श्री आशुतोष गौड़, प्रधान प्रबंधक (संचालन), मनोज कुमार पुंडीर, प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) आर. एन. वर्मा, प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक), पी.के. टंडन, सहायक प्रबंधक (कार्मिक) व कुछ अन्य अधिकारी तथा रोडवेज परिषद की ओर से परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिजा शंकर तिवारी, उपाध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र पांडे, महामंत्री गिरीश चंद्र मिश्र, अपर महामंत्री रविंद्र कुमार, उप महामंत्री मनोज कुमार यादव व वी.एस. बाजपेई एवं निगम मुख्यालय के अध्यक्ष तथा केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य व कार्यालय सचिव सतीश कुमार आदि सम्मिलित थे।