BareillyLive : हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की पवित्र प्रतियां जलाए जाने एवं ग्रंथों के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने वाले नेताओं के विरोध मे आज समाज सेवा मंच एवं राष्ट्रीय जन विश्वास पार्टी के पदाधिकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को देकर कार्रवाई की मांग की, ज्ञापन के पश्चात एक सभा में बोलते हुए बांके बिहारी सद्भावना पीठ के प्रबंधक महेश पंडित ने कहां की धार्मिक ग्रंथ, पूजा स्थल या उपासना के किसी अन्य माध्यम के अपमान पर हम भारत सरकार से ऐसे दोषियों को फांसी की सजा की मांग करते हैं, पिछले दिनों पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी (अपमान) के मामले में इस मांग ने जोर भी पकड़ा था। वर्ष 2018 में पंजाब ने कानून में संशोधन करके धारा 295AA जोड़ने की बात आगे बढ़ाई थी इसमें धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने पर आजीवन कारावास की सजा की मांग की गई थी।हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया, इससे पहले सिख समुदाय बेअदबी के मामलों में 10 से 20 साल तक सजा दिए जाने की मांग कर चुका है। अब ऐसे दोषियों के विरुद्ध कानून बनना ही चाहिए। समाज सेवा मंच के अध्यक्ष नदीम शमशी ने कहा कि नेताओं ने झूठी लोकप्रियता हासिल करने के मकसद से धर्म पर टिप्पणी करने का घिनौना अपराध भी शुरू कर दिया है किसी भी धर्म के विवाद से पूरे मुल्क का सौहार्द प्रभावित होता है इसलिए ऐसे दोषियों के प्रति कठोर कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्य दोनों ही इस कृत्य के जघन्य अपराधी हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि उपरोक्त दोनों नेताओं की सदस्यता समाप्त कर इनके ऊपर अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए।ज्ञापन देने वालों में ठाकुर बृजेंद्र प्रताप सिंह, अखिलेश पाठक, नावेद खान, राज कुमार यादव, शहजाद हिमायू, राना परवीन, शाहीन शबनम, मोहम्मद शाहिद, रफीक मियां, मयंक पंडित, उज्जवल तिवारी, मोहम्मद मंसूर, ज़ाहिद उपासना, रूही, जूली, राजेश कुमार, रेखा रानी आदि लोग उपस्थित रहे।

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