BareillyLive : कृषि विज्ञानं केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान, इज्जतनगर बरेली द्वारा दो दिवसीय वर्मीकम्पोस्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गयाI इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को केचुआ खाद के प्रयोग, बनाने की विधि व् लघु उद्योग के रूप में स्थापित करने की जानकारियां दी गयीI आज के समय में कृषि परिवेश में जैविक कार्बन का स्तर कम होता जा रहा है अत: जैविक खेती आज के समय में कृषि के लिए अमृत समान है जिसमे वर्मीकम्पोस्ट अभिन्न पोषक पूरक है इसलिये इसे काला सोना कहा जाता है I डॉ.बी पी सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञानं केंद्र बरेली ने सभी प्रतिभागियों को वर्मीकम्पोस्ट उद्यम की भविष्य में संभावनाओ की जानकारी दी और सभी प्रशिक्षार्थियों से स्वयं वर्मीकम्पोस्ट बना कर प्रयोग करने की अपील की। श्रीमती वाणी यादव ने दो दिवसीय प्रशिक्षण में वर्मीकम्पोस्ट बनाने के विधियाँ, प्रभावी कारक, सावधानियों की जानकारी दीI
कृषि विज्ञानं केंद्र के अनुदेशात्मक फार्म में वर्मीकम्पोस्ट की विभिन्न विधियों का प्रदर्शन सभी प्रशिक्षाणर्थियों को दर्शाया गया और उनसे प्रयोगात्मक रूप से वर्मीकम्पोस्ट के बेड भी लगवाये गए। श्री डी डी शर्मा सहायक मुख्य तकनीक अधिकारी ने प्रतिभागियों को प्रतीक बजाज के स्थापित वर्मीकम्पोस्ट के फार्म एवं श्री मनु प्रणव जी के नीम करोली स्थित फार्म पर भ्रमण भी करवाया I इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीन जिलो के 24 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।