BareillyLive : ब्रह्मपुरी में आज से आरंभ हुई विश्व प्रसिद्ध रामलीला के प्रथम दिवस में लीला कथा व्यास गुरु जी मुनेश्वर दास जी ने कहा कि नारदजी मोह की कथा के माध्यम के ये शिक्षा मिलती है कि थोड़ी सी असावधानी से बड़ा से बड़ा ज्ञानी, त्यागी भी किस प्रकार से माया मोह मे जकड़ा जा सकता है। हम जीवन मे जब भी परमात्मा को भूलकर अपना बाहुबल मानने लगते है तब तब हम अपने लक्ष्य से भटकते हैं। एक बार जब माता पार्वती ने भगवान शिव से पूँछा प्रभु मै जानना चाहती हूँ कि प्रभु श्रीराम ने मनुष्य का शरीर किस कारण से धारण किया।

“नाथ धरेउ नरतन केहि हेतू । मोहि समझाइ कहेउ वृषकेतु।।”

भगवान शिवजी कहते है देवी जब जब धर्म की हानि होती है तब समाज मे अभिमानी, असुर एवं अधर्म की वृद्धि होती है। इतने सारे अत्याचार होते है कि जितना वर्णन शब्दो मे वर्णित न हो सके, जब जब साधु, गाय, ब्राम्ह्यण पर अत्यधिक अत्याचार होने लगते हैं तब तब प्रभु अलग अलग रुप मे धरती पर अवतरित होते है। जिस समय जिस शरीर की आवश्यकता होती है प्रभु वही शरीर लेकर अवतरित होते है। जब वाराह (सूकर) बनने की आवश्यकता थी वाराह बने, जब नरसिंह बनने की आवश्यकता पडी नरसिंह बने। कभी परशुराम तो कभी वामन, कच्छप जब जैसी परिस्थिति थी तब वैसा ही रुप बनाकर अवतार ग्रहण किया। इस प्रकार अलग अलग शरीर धारण कर के संतो एवं सज्जनो की पीड़ा हरने के लिये आते है उसी क्रम मे भगवान श्री रामजी ने भी जन्म लिया। शिव जी ने राम कथा के साथ-साथ नारद मोह की कथा का भी वर्णन किया कि एक बार नारदजी को स्वयं के रूप और ज्ञान पर घमंड हो गया था, चूंकि नारदजी माता पार्वती के गुरु थे इसलिए पार्वती जी उक्त कथा को गहनता से सुना। रामचरित मानस में बालकाण्ड का पहला श्लोक के महत्व का वर्णन करते हुए कथा व्यास गुरु जी मुनेश्वर दास जी ने कहा कि ये भगवान जो सबमें व्याप्त है उस अविनाशी को पाने के सारे सूत्र ही इस रामचरित मानस का मुख्य बिंदु है इसके श्रवण और अवलोकन से प्रभु प्राप्ति निश्चित है, भगवान शिव स्वयं राम की स्तुति करते हैं और राम के ईश्वर स्वयं शिव हैं तो ये सब भगवान की लीला का ही एक रुप है क्यूंकि भगवान ने अवतार क्यों लिया ये तो स्वयं भगवान जानते हैं हम सिर्फ़ वर्णन कर सकते हैं।

आज लीला का प्रारंभ श्रीं लक्ष्मी नारायण जी के स्वरूपों द्वारा फेरा निकाल कर हुआ, उसके उपरांत मुख्य अतिथि निवर्तमान महापौर श्री उमेश गौतम ने आरती उतार कर विधिवत शुभारंभ किया। अन्य गणमान्य अतिथियों में सह प्रमुख पंकज मिश्रा, महामंत्री अंशु सक्सेना, सह कोषाध्यक्ष नवीन शर्मा, महामंत्री निवर्तमान पार्षद राजू मिश्रा, राजकुमार गुप्ता एवं कोषाध्यक्ष सुरेश रस्तोगी ने स्वरूपों को तिलक लगाकर और माला पहनाकर अभिनंदन किया, अध्यक्ष सर्वेश रस्तोगी ने सभी क्षेत्र वासियों का स्वागत कर सभी से लीला में आने का आह्वान किया, प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कल सीता मैया का जन्म होगा उसके पश्चात फूलों की होली और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। आज की लीला में नारद मोह, रावण जन्म और श्री राम जन्म का मंचन किया गया। पदाधिकारियों में प्रमुख विवेक शर्मा, नीरज रस्तोगी, गौरव सक्सेना, सत्येंद्र पांडेय, संजीव रस्तोगी, सोनू पाठक, राजू मिश्रा, राजकुमार गुप्ता, पंकज पांडे, सचिन श्याम भारतीय, कौशिक टंडन, अभिनय व अन्नू रस्तोगी, शिवम रस्तोगी, राधाकिशन रस्तोगी, महिपाल रस्तोगी, बंटी रस्तोगी, धीरज दीक्षित, अखिलेश अग्रवाल, दिनेश दद्दा आदि लोग उपस्थित रहे।

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