मां दुर्गा के नवरात्र चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो रहे हैं इस साल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 22 मार्च को शाम 8 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है।चैत्र नवरात्र से ही हिंदी नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है।
इस बार ग्रह नक्षत्रों का भी अद्भुत संयोग रहा हैं। शनिदेव अपनी राशि कुंभ में तथा बृहस्पति देव अपनी राशि मीन में संचार करेंगे। यह दुर्लभ संयोग नवरात्र को बहुत ही खास बना रहे हैं।इस बार इस संवत के राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे। बुध और शुक्र की जोड़ी देश में खुशहाली, सुख समृद्धि, धन-धान्य की वृद्धि तथा क्लेश को समाप्त करने वाली होगी।
इस बार मां दुर्गा की सवारी नौका : इस बार नवरात्रि बुधवार से शुरू हो रही हैं तो माता नौका पर सवार होकर अपने भक्तों के घर पधारेंगी ।इस बार मां दुर्गा की सवारी नौका हैं अथार्त मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी। मां दुर्गा का नौका पर आगमन बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। नौका जल परिवहन का साधन होता है। इसका मतलब अच्छी वर्षा होने के शुभ संकेत हैं। नौका पर आने और जाने का मतलब होता है आपको सब कुछ मिलेगा जो आपको चाहिए।इसलिए यह नवरात्र भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करेगा । ज्योतिष विद्वानों के अनुसार मां का आना और जाना दोनों ही शुभ स्थिति में हो रहा है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: 22 मार्च को कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह लगभग 6:30 से 9:25 के मध्य रहेगा। इस दौरान लाभ और अमृत चौघड़िया रहेगी।
इसके बाद सुबह 10:55 से लेकर 12:25 के मध्य शुभ की चौघड़िया और अभिजीत मुहूर्त विद्यमान होगा।
जबकि अपराह्न काल में लगभग 3:20 से 6:20 के मध्य कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त होगा।
चैत्र नवरात्रि 2023 कैलेंडर
22 मार्च 2023, बुधवार- मां शैलपुत्री की पूजा, घटस्थापना
23 मार्च 2023, गुरुवार- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
24 मार्च 2023, शुक्रवार- मां चंद्रघंटा की पूजा
25 मार्च 2023, शनिवार- मां कूष्मांडा की पूजा
26, मार्च 2023, रविवार- मां स्कंदमाता की पूजा
27 मार्च 2023, सोमवार- मां कात्यायनी की पूजा
28 मार्च 2023, मंगलवार- मां कालरात्रि की पूजा
29 मार्च 2023, बुधवार- मां महागौरी की पूजा
30 मार्च, गुरुवार- मां सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी