BareillyLive : भारतीय एवं प्राचीन चिकित्सा पद्दति आयुर्वेद के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था विश्व आयुर्वेद परिषद, बरेली के तत्वावधान में अर्बन को आपरेटिव बैंक के सभागार में आयोजित विद्ध कर्म एवं रक्त मोक्षण चिकित्सा की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुणे, महाराष्ट्र से पधारे विद्धकर्म विशेषज्ञ व प्रख्यात चिकित्सक वैद्य चंद्रकुमार देशमुख और ग्रेटर नोयडा से रक्त मोक्षण चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य अक्षय चौहान ने विद्धकर्म और रक्तमोक्षण चिकित्सा पर आयोजित कार्यशाला में आयुर्वेद की प्राचीन पर तुरंत परिणाम देने वाली इन पैरा सर्जिकल तकनीकों से आयुर्वेद चिकित्सकों एवं छात्र-छात्राओं को परिचित कराया। डॉ देशमुख ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्ध कर्म जो एक प्राचीन और विशुध्द शास्त्रीय पैरा सर्जीकल तकनीक है और सभी तरह की वात व्याधि में तुरंत परिणाम देने वाली है। जिसको करने से पूर्व चिकित्सक को शास्त्र का ज्ञान और कर्माभ्यास दोनो अति आवश्यक है। उन्होंने दूर-दूर से आये विभिन्न पुराने रोगियों पर इन तकनीकों का प्रयोग कर तुरंत परिणाम भी दिखाए। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि के समक्ष दीप प्रज्वल्लन हुआ। कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा महासचिव डॉ अनिमेष मोहन ने रखी।उसके बाद लगातार 5 घंटे तक विद्ध कर्म पर कार्यशाला हुई और लोगों की जिज्ञासाएं का भी समुचित समाधान किया गया। दूसरे दिन उद्घाटन सत्र से पूर्व चिकित्सकों व छात्रों की अन्य जिज्ञासाओं का प्रश्नोत्तरों के माध्यम से समाधान किया गया। इस कार्यशाला से पूर्व टनकपुर से पधारे मर्म चिकित्सा के मास्टर ट्रेनर डॉ मोहम्मद शाहिद ने मर्म चिकित्सा से लोगों से परिचय कराया। उद्धघाटन सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार मुख्य अतिथि एवं विधायक बिथरी चैनपुर डॉ राघवेंद्र शर्मा विशिष्ट अतिथि रहे। दूसरे दिन रक्तमोक्षण विशेषज्ञ डॉ अक्षय चौहान ने जलौका (लीच) का प्रत्यक्ष उपयोग कर रक्तमोक्षण की विविध उपयोगिताओं का प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि संतोष जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि आयुर्वेद एक बहुत ही प्राचीन चिकित्सा पद्दति है, जिसकी प्रासंगिकता आज भी कम नहीं हुई है। विशिष्ट अतिथि विधायक डॉ राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद तो चिकित्सा का एक प्राचीन छुपा खजाना है जिसमें तमाम इस तरह की रत्न भरे हुए है ज़रूरत है तो बस इन्हें खोजने की और जन सामान्य को इसे लाभान्वित करने की। संस्था के अध्यक्ष डॉ. राजीव सक्सेना ने संस्था का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में लखनऊ, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, हरियाणा, नेपाल, राजस्थान, गुजरात इत्यादि से चिकित्सक एवं सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ रंजन विशद ने तथा अध्यक्षता डॉ वीरेंद्र जैसवार ने की। इस कार्यक्रम में संरक्षक डॉ वीरेंद्र जैसवार, डॉ रामबाबू प्रजापति, डॉ. आर. ए. गंगवार, डॉ नितिन शर्मा, डॉ शांतुल गुप्ता, डॉ पारुल वार्ष्णेय, डॉ मंजरी, डॉ अरुणेश अग्रवाल, शिवानी भानु मिश्रा, एहसास गुप्ता, प्रखर, प्रज्ञानशीं, प्रियश आदि का अमूल्य सहयोग रहा। कार्यक्रम में नीमा अध्यक्ष, डॉ पी एस दीक्षित, मनोज मिश्रा, डॉ योगेंद्र, वैद्य अनिरुद्ध, डॉ शालिनी, डॉ. जे.पी. पांडेय, डॉ एकता गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी आर्य, डॉ मनोज कुमार आर्य, डॉ चंचल कुमार, डॉ उमेश चंद्रा, डॉ विजय झलानी, डॉ उत्तम रस्तोगी, डॉ कमलेश पांडेय, डॉ वसीम, डॉ रोली, डॉ नेहा, डॉ रजनीश गंगवार, डॉ नीतू स्वरूप तथा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पीलीभीत, बरेली, लखनऊ, हरिद्वार तथा धन्वंतरि आयुर्वेदिक कॉलेज, रुहेलखंड आयुर्वेदिक कॉलेज, संजीवनी आयुर्वेदिक कॉलेज आदि के छात्र उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में मीडिया पार्टनर जीरो क्रिएटिव, निरोग स्ट्रीट, अपैक्स, एस. डी. एम. आदि कंपनियों का विशेष सहयोग रहा।