बदायूं @BareillyLive. बदायूं जिले की दातागंज कोतवाली क्षेत्र में रामगंगा में स्नान करते समय दो चचेरे-तहेरे भाई डूब गए। एक को परिजनों ने बचा लिया, लेकिन दूसरे की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पर परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार किया है।
बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव रोहरी निवासी 20 वर्षीय अमन पुत्र मंजूस का परिवार रामगंगा में वस्त्रदान करने के लिए गया था। परिवार के सभी सदस्य उनके साथ गए थे। वस्त्रदान के दौरान अमन और उसका चचेरा भाई 12 वर्षीय विकास पुत्र मुनेश गंगा स्नान करने लगे। इसी बीच उनका पैर फिसल गया और वह गहरे गड्ढे में चले गए। उनको डूबता देख परिजनों ने उन्हें बचाने के प्रयास शुरू कर दिये। इसमें विकास को तो बचा लिया गया लेकिन अमन को बचाने में काफी देर लग गयी। परिजन उसको लेकर सीएचसी पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वे शव अपने गांव ले गए। हादसे के बाद परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।
गंगाघाटों पर नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम’
बदायूं। दातागंज तहसील क्षेत्र में रामगंगा के पाँच घाटों पर स्नान किया जाता है। यह घाट, रामगंगा घाट क्रमशः मुढ़ा बेलाडाण्डी, नौनी टिकन्ना, नगरिया खनू, हजरतपुर हैं। इन घाटों पर आज तक प्रशासनिक तौर पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। इससे आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।
एक ही सप्ताह में दूसरी घटना
बदायूं। दातागंज तहसील क्षेत्र में सप्ताह के भीतर ये दूसरी घटना है। बीती 29 अप्रैल को हज़रतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़िया शाहपुर के एक ही परिवार के तीन सगे भाई डूबे गए थे। इसी रामगंगा में तीनों भाई काल के गाल में समां गए थे। आखि़र प्रशासनिक तौर पर सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए जाते हैं? क्यों लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है? आखि़र इन घटनाओं का जिम्मेदार कौन है? बता दें कि इससे पहले दातागंज थाना क्षेत्र के ग्राम नौनी टिकन्ना व हज़रतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बिहारीपुर अजब में भी रामगंगा में डूबकर मौतें हुईं हैं।