New Parliament Inauguration Ceremony, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,नये संसद भवन का उद्घाटन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, ऐतिहासिक राजदंड ’सेंगोल’,

New Parliament Inauguration Ceremony: नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये संसद भवन का उद्घाटन कर उसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। उद्घाटन से पूर्व ऐतिहासिक राजदंड ’सेंगोल’ स्थापित किया गया। जनता इस अद्भुत पल को यादगार के तौर पर अपने साथ संजो ले इसके लिए पीएम मोदी ने 75 रुपए का एक सिक्‍का भी जारी किया।

पक्ष-विपक्ष में तकरार जारी…

उधर, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार जारी है। कांग्रेस समेत 21 राजनीतिक दलों ने संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा को 25 दलों का समर्थन हासिल है। इसमें 7 गैर एनडीए दल शामिल हैं। विपक्ष का कहना है कि देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति को समारोह में न बुलाकर भाजपा ने लोकतंत्र का अपमान किया है। जब संसद के नए परिसर का भूमि पूजन किया गया, तब भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया।

सरकार के साथ हुए दल

1- भाजपा, 2- शिवसेना (शिंदे गुट), 3- नेशनल पीपल्स पार्टी, 4- नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, 5- सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, 6- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, 7- अपना दल – सोनीलाल, 8- रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, 9- तमिल मनीला कांग्रेस, 10- अन्नाद्रमुक, 11- आजसू (झारखंड), 12- मिजो नेशनल फ्रंट, 13- वाईएसआरसीपी, 14- टीडीपी, 15- बीजद, बीएसपी, 16- जेडीएस, 17- शिरोमणि अकाली दल, 18- नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ), 19- मिजो नेशनल फ्रंट, 20- आईटीएफटी (त्रिपुरा), 21- बोडो पीपुल्स पार्टी, 22- पट्टाली मक्कल कच्ची, 23- राष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, 24- अपना दल, 25- असम गण परिषद।

बायकॉट करने वाले 21 दल

1- कांग्रेस, 2- डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), 3- ।।च्, 4- शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), 5- समाजवादी पार्टी, 6- भाकपा, 7- झामुमो, 8-केरल कांग्रेस (मणि), 9- विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, 10- रालोद, 11- टीएमसी, 12- जदयू, 13- एनसीपी, 14- सीपीआई (एम), 15- आरजेडी, 16- ।प्डप्ड, 17- ।प्न्क्थ् (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), 18- इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, 19- नेशनल कॉन्फ्रेंस, 20- रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, 21- मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके)

किसने क्या कहा : वार पर पलटवार…

देश की संसद है, किसी व्यक्ति की नहीं – मीनाक्षी लेखी

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, कांग्रेस के शासन में तय हो चुका था कि देश को नई संसद की जरूरत है। उसके लिए इनका बजट 3500 करोड़ रुपए से ऊपर का था। ये संसद भवन लगभग 300 करोड़ में तैयार हुआ है, इससे स्पष्ट होता है कि ये लोग कितना बड़ा भ्रष्टाचार का साधन इसे बनाने में लगे थे….ये देश की संसद है किसी व्यक्ति की संसद नहीं है, एक व्यक्ति की संसद तो आपने (कांग्रेस) बना दिया।

भारत को पहली संसद मिल रही जो अंग्रेजों ने नहीं बनाई – राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, भारत को पहली संसद मिल रही जो अंग्रेजों द्वारा नहीं बनाई गई, जो भारत के लोकतंत्र का प्रतीक है, उसका जब उद्घाटन हो रहा उस समय विपक्षी दल उस कार्यक्रम से बाहर रहने का सोच रहे हैं। कौन सांसद उस पहली भारतीय संसद के जश्न में शामिल नहीं होना चाहेंगे जो भारत के इतिहास में अंग्रेजों द्वारा नहीं बनाई गई। मैं मानता हूं कि यह क्षुद्र राजनीति है।

कुछ लोगों के संसद आने पर रोक लग गई – अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, पीएम एक दिन के बाद लोकतंत्र में नया संसद भवन देश को देने का काम करेंगे, वो अलग बात है कि कुछ लोगों के संसद आने पर रोक लग गई। कभी वे सदन न चलाने के बहाने ढूंढते थे, आज वे बहिष्कार करते हैं तो वहीं अपमानित करने का काम भी करते हैं।

मैं उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता – गुलाम नबी आज़ाद

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के ख़लिफ़ हूं। राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं।

आदिवासी समुदाय से क्षमा मांगे पीएम – ललन सिंह

श्रक्न् अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री को इस देश के आदिवासी समुदाय के लोगों, दलित समुदाय के लोगों और देश की महिला से क्षमा मांगनी चाहिए। जब उन्होंने दलित समुदाय की महिला को राष्ट्रपति बनाया था तब तो वे अपनी पीठ थपथपा रहे थे लेकिन उद्घाटन की बात आई तो उन्हें (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) इससे वंचित कर दिया। प्रधानमंत्री देश के इतिहास को समाप्त करके अपने नाम करना चाहते हैं।

नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाना – अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए। जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें। उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा?।

नया संसद भवन बनाने की ज़रूरत क्या थी – नीतीश कुमार

नए संसद भवन के उद्घाटन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, पुराना इतिहास बदल देंगे? क्या जो इतिहास है आप उसे भुला देंगे? इन्हें (BJP) इतिहास बदलना है इसलिए हर चीज़ बदल रहे हैं। आखिरकार नया (नया संसद भवन) बनाने की ज़रूरत क्या थी।

भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित क्यों नहीं किया – केसी वेणूगोपाल

कांग्रेस नेता केसी वेणूगोपाल ने कहा, यह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को दरकिनार करने का मुद्दा है। वे इस प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दे रहे हैं कि उद्घाटन करने के लिए अगर राष्ट्रपति की अयोग्यता है तो वह क्या है? उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित क्यों नहीं किया।

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