BareillyLive : भारतीय पत्रकारिता संस्थान एवं मानव सेवा क्लब के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारिता दिवस पर स्व. सुरेन्द्र बहादुर सिन्हा एवं शांन्ति सिन्हा स्मृति समारोह में विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन रोटरी भवन में हुआ। जिसमें पहले समारोह का प्रारंभ दीप प्रज्जवलित करके अतिथियों द्वारा किया गया। मां शारदे की वंदना रीता सक्सेना ने की। वंदेमातरम् श्रीमती शकुन सक्सेना, कल्पना सक्सेना, रश्मि उपाध्याय ने किया। क्लब का आव्हान गीत मुकेश कुमार सक्सेना ने गाया। भारतीय पत्रकारिता संस्थान के 40वें वार्षिकोत्सव पर विविध संवाद पत्रिका के पत्रकारिता विशेषांक एवं कलम बरेली की पत्रिका का विमोचन मुख्य अतिथि महापौर डॉ. उमेश गौतम, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. वसीम बरेलवी, संस्थान के अध्यक्ष प्रो. एन.एल. शर्मा, क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, सी. ए. राजेन विद्यार्थी, वरिष्ठ पत्रकार पवन सक्सेना व निर्भय सक्सेना एवं साहित्यकारों ने किया।

दिल्ली के संसद टी.वी. न्यूज के एंकर वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा, लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अनिल के.अंकुर को 25वें स्व. सुरेन्द्र बहादुर सिन्हा स्मृति पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। वहीं बदायूं की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी को 14वां शांति सिन्हा स्मृति सम्मान दिया गया।

बरेली के पत्रकार सुनील सक्सेना, पूनम भारत, कुबेर सुमन, विवेक मिश्रा, विजय शर्मा, संजीव गंभीर, राकेश शुक्ला, गगन शर्मा, देवेन्द्र कुमार, आकाश सक्सेना, सचिन श्याम भारतीय, वीरेन्द्र अटल, शरद मौर्या, कौशिक टंडन, दुष्येन्द्र सिंह, अमित कश्यप, राजेश शर्मा, गुडविन मसीह, मो. शमी सहित अनेक पत्रकारों को सम्मानित किया गया। सभासद संजीव रस्तोगी मुक्की व जय प्रकाश राजपूत को भी सम्मानित किया गया। इनको सम्मान स्वरूप हार, शॉल, प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह समारोह के अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।

पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार विषय पर बोलते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष वसीम बरेलवी ने पढ़ा कि जुबां को ग़र इतनी आज़ादी न होती तो लफ़्ज़ों कि यूँ बर्बादी न होती।

और बताया कि पत्रकारिता एक जुनून की शकल में शुरु हुई थी ये अंग्रेजों के खिलाफ एक आन्दोलन था, इसको करने वालों को सेल्फ लेस होना बेहद जरूरी है, अभी भी वक़्त गया नहीं है यदि पत्रकारिता अपने मूल्यों की तरफ़ लौट आये तो हिन्दुस्तान की शक़्ल बदल जायेगी। उन्होंने कहा कि लोग आते गये और कारवां बनता गया की मिसाल बीनू सिन्हा जी ने भारतीय पत्रकारिता संस्थान के माध्यम से क़ायम की है, अलग अलग प्रकार के लोगों को जोड़ कर आज मानव सेवा क्लब एक बड़ा संगठन बना है।

वरिष्ठ पत्रकार पवन सक्सेना ने कहा कि पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार को जिंदा रखने के लिए समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। अब भी पत्रकारिता सामाजिक दायित्वों को पूरा कर रही है। अगर आपका लोकतंत्र में यकीन है तो आपको पत्रकारिता में यकीन करना होगा, लोग अक्सर कड़वी बात कहने वाले पत्रकारों से दूरी बनाते हैं क्यूंकि उनको उनके मतलब कि बात सुननी होती है मेरा ये मानना है कि कोई मालिक कोई कंपनी नहीं रोकती आपको सही बात कहने के लिए बशर्ते आप निष्पक्ष हों। हमारी पत्रकारिता अब संकीर्ण हो चली है तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे पर चलकर इसे स्वर्ग की सीढ़ी न बनायें।

बरेली के महापौर उमेश गौतम ने कहा कि पत्रकारिता बहुत ही मह्त्वपूर्ण होती है आप तीन चार अखबार पढ़ेंगे तो सबमें एक ही ख़बर अलग अलग तरह से होती है सबके अपने अपने एंगल होते हैं। मानव सेवा क्लब द्वारा 40 वां समारोह मनाना अपने आप मे कम बड़ी बात नहीं है सम्मान व्यक्ति की और जिम्मेदारी बढ़ाता है आप और बुलंदियां पाने में जुट जाते हैं। हम भी एक मुहिम शुरू कर रहे हैं एक व्यक्ति-एक पेड़ सभी इस मुहिम में साथ आयें।

सुरेश बाबु मिश्रा ने कहा कि आज पत्रकारिता उपभोक्ता वादी हो गयी है इसलिए संपादकों को इस विषय में सोचना होगा, सभी सही मायनों में पत्रकारिता दिवस मनाया जा सकता है।

शुभ्रा महेश्वरी ने स्वरचित कविता पढ़ी कि लोगों की आंख की किरकिरी होने लगीं हूं मैं यानि कि बुलंदियों को छूने लगीं हूं मैं।

मुख्य अतिथि मनोज वर्मा ने कहा कि सामाजिक सरोकार की बात हो या देश व शहर के बदलाव की बात हो जिम्मेदारी अगर पत्रकारों की है तो समाज की भी है। उस दौर के जो पत्रकार रहे वो न झुके न डिगे, पर सुधारीकरण के दौर में संकट और बढ़ा आज लोगों का नजरिया पत्रकारिता को लेकर बदलता जा रहा है हमे इसको बदलना होगा।

ऐन ऐल शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता जल्दी में लिखा गया सार है हमारे अखबार से जुड़े हर व्यक्ति का दायित्व है कि अखबारों की रचनात्मकता क़ायम रहे नकारात्मकता न रहे ख़बरों में और सामाजिक सरोकार बना रहे जिज्ञासा बनी रहे।

रोटरी गवर्नर बनने पर सी.ए. राजेन विद्यार्थी का पगड़ी, हार, शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। क्लब में सुनील कुमार शर्मा, संजय रस्तोगी, राहुल शर्मा और आशा शुक्ला को पिन लगाकर विधिवत क्लब की सदस्यता दिलाई गई। क्लब के सदस्यों के पुत्र-पुत्रियों के सर्वोच्च अंक आने पर मुख्य अतिथि डॉ. उमेश गौतम द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें प्रियांशी जौहरी, अक्षत मेहरोत्रा, श्रीमन भटनागर और युवराज चिराग हैं। जिनको पटका पहना और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन क्लब अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। सभी का आभार प्रो. एन.एल.शर्मा ने व्यक्त किया।

अन्य अतिथियों में इं. डी.डी. शर्मा, अभय सिंह भटनागर, चित्रा जौहरी, डॉ. निशि जौहरी, शालिनी विद्यार्थी, शशि बाला वर्मा, सीमा वर्मा, सुधीर मोहन, मीरा मोहन, डॉ. रीति खरे, प्रीति खरे, डा. अनिमेष मोहन, सुरेश बाबू मिश्रा, श्रीमती सत्या शर्मा, निर्भय सक्सेना, विपिन कुमार गर्ग, ए.एस. अग्रवाल, शचीन्द्र सक्सेना, इन्द्र देव त्रिवेदी, रमेश गौतम, रंजीत पांचाले, गंगाराम पाल, रोहित राकेश, जितेन्द्र सक्सेना, राममूर्ति गौतम गगन, दीप्ति शर्मा, पूनम भल्ला, सिया सचदेव, डॉ कविता अरोरा, शरद जौहरी, श्याम मनोहर वर्मा, विशाल मेहरोत्रा मनीष, आर. के. सक्सेना सहित क्लब के सदस्य एवं साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।

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