BareillyLive : प्राण ऊर्जा बढ़ते ही संकल्प शक्ति भी मजबूत हो जाती है। प्राण ऊर्जा अर्थात जीवनी शक्ति। अच्छी प्राण ऊर्जा जितनी आपके शरीर में रहेगी उतना आप मानसिक व शारीरिक रूप से ऊर्जावान रहेंगे प्राण ऊर्जा का स्तर गिरने पर स्वता ही नकारात्मक विचार, अकारण चिंता, मानसिक तनाव जैसी चीजें व्यक्ति को खलना शुरू करते हैं कुल मिलाकर कह सकते हैं बैटरी डाउन जैसे मोबाइल की बैटरी डाउन होती है तो उसको एक प्रकार की चार्जिंग की जरूरत होती है ऐसे ही आपकी जीवन की जब तक चेतना है उसको भी एक प्रकार की चार्जिंग की जरूरत है जिसमें ध्यान मुख्यता मुख्य भूमिका निभाता है।
प्राण संस्कृत का शब्द है जिसका संबंध जीवन शक्ति से है। यदि आप जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली चाहते हैं तो प्राण ऊर्जा को संतुलित करना बहुत जरूरी है। जब हमारी प्राण ऊर्जा मजबूत होती है तो हम प्रसन्न, स्वस्थ और संतुलित महसूस करते हैं लेकिन यदि हमारी आदतें और जीवनशैली खराब हो तो प्राण शक्ति कमजोर हो जाती है। अब प्राण कोई देखने जैसी चीज तो है नहीं लेकिन यदि किसी को जानना है कि उसकी ऊर्जा कम हो रही है तो वह बड़ी सरलता से इसका आभास कर सकता है जैसे अत्यधिक आलस, तनाव, बार-बार हानिकारक नकारात्मक विचार, अंदर से प्रेरणा की कमी, जल्दी-जल्दी सर में दर्द हो जाना, पाचन तंत्र की खराबी, हर समय परेशान रहना और हर परिस्थिति में नकारात्मकता ढूंढना इससे होता तो बहुत कुछ है लेकिन जो मेन होता है वह है आपकी इम्यूनिटी, इन सब चीजों का असर आपकी इम्यूनिटी पर पड़ता है और यह सब जानते हैं कि इम्यूनिटी खराब होते ही शरीर में तमाम प्रकार की दिक्कतें घर करने लगती हैं ध्यान रखें कि आपकी प्राण ऊर्जा निराशा, तनाव, अकारण चिंता से घायल होकर क्षतिग्रस्त न हो। प्राण के पोषण पर हम सभी को ध्यान देना चाहिए।