जेनेवा। भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए झूठ का पुलिंदा लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के मुंह से अंततः सच निकल ही गया और उन्होंने जम्मू-कश्मीर को “भारत का राज्य” बताया। गौरतलब है कि पाकिस्तान कश्मीर को अब तक “भारत अधिकृत कश्मीर” बताता था। हालांकि कश्मीर मुद्दे पर पूरी दुनिया के सामने रोना रोने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा।

पाकिस्तान ने मंगलवार को संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद में जम्‍मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ 15 मिनट 49 सेकंड तक सिर्फ झूठ बोला। सिर्फ इतना ही नहीं, कश्‍मीर पर 115 पेज की झूठी रिपोर्ट भी पेश की। इस रिपोर्ट में राहुल गांधी, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्‍दुल्‍ला के बयानों का भी जिक्र है। 

जेनेवा में आयोजित परिषद के 42वें सत्र में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत ने कश्‍मीर पर गैरकानूनी तरीके से कब्‍जा कर रखा है। वहां मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है। पूरे कश्‍मीर को जेल बनाकर रख दिया गया है। यहां तक कि आपातकालीन मेडिकल सुविधाएं नहीं प्रदान की जा रही हैं। उन्‍होंने कई विदेशी मीडिया अखबारों की रिपोर्ट का उद्धरण भी दिया। उन्‍होंने कहा कि इन वजहों से कश्‍मीर का मुद्दा भारत का आंतरिक मसला नहीं है बल्कि यह अंतरराष्‍ट्रीय मसला है। 

पाकिस्‍तान ने जो झूठा पुलिंदा बनाया है, उसमें कहा गया है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत के दमन के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। पाकिस्‍तान का दावा है कि कश्‍मीर में हत्‍याएं, सर्च ऑपरेशन, यातनाएं आम बात हैं। उसका यह भी कहना है कि भारत सरकार, मीडिया, एनजीओ और अपने थिंक टैंक के इस्‍तेमाल से पाकिस्‍तान विरोधी भावनाओं को भड़का रहा है। उसका यह भी कहना है कि भारत-पाकिस्‍तान के द्विपक्षीय संबंधों की राह में कश्‍मीर मुद्दा सबसे बड़ा रोड़ा है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद में “कश्मीर राग” अलापने के बाद कुरैशी मीडिया से रू-ब-रू हुए। यहां उन्होंने एक बार फिर भारत के खिलाफ मनगढ़ंत बातें करना शुरू कर दिया। हालांकि, इस दौरान एक चीज अच्छी हुई कि उनके मुंह से सच्चाई बाहर आ गई। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर का भारतीय राज्य के रूप में उल्लेख किया।

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