BareillyLive: महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय पुजारी महासंघ द्वारा प्रथम वैदिक सनातन धर्म संगोष्ठी का आयोजन तुलसी स्थल में किया गया।

महामना मालवीय जी द्वारा किए गए कार्यों एवं उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए समाज को नई दिशा प्रदान करने हेतु एवं उनके जीवन शैली पर प्रकाश डालने के साथ-साथ सनातन धर्म का जीवन शैली में स्थान एवं उपयोग पर इस संगोष्ठी का आयोजन तुलसी स्थल मठ गद्दी के महंत नीरज नयन दास जी की अध्यक्षता में एवं पंडित सोहनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।

संगोष्ठी का संचालन डा. गोविंद दीक्षित एवं निवर्तमान पार्षद मोनू पाण्डेय द्वारा किया गया। वैदिक सनातन धर्म संगोष्ठी में महामना मालवीय जयंती के साथ-साथ मठ मंदिरों के पुजारी एवं कर्मकांडी पुरोहितों के जीवन यापन, जीवन शैली एवं मठ मंदिरों के उत्थान हेतु व आध्यात्मिक विषयों पर भी चर्चा की गई। संगोष्ठी का शुभारंभ तुलसी मठ गद्दी के महंत नीरज नयन दास जी एवं विप्र श्रेष्ठ पंडित सोहन लाल शर्मा जी द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महामना मालवीय जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया! संगोष्ठी में तुलसी स्थल मठ गद्दी के महंत पूज्य नीरज नयन दास जी, विप्र श्रेष्ठ पंडित सोहन लाल शर्मा जी एवं पूर्व प्रधानाचार्य पंडित संतोष शर्मा जी को वर्तमान मालवीय जी की उपाधि से सम्मानित करते हुए अंगवस्त्र उड़ाकर एवं माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया।

संगोष्ठी में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष पंडित विष्णुदेव पाठक ने संगठन की आवश्यकता एवं उदेश्यो पर चर्चा करते हुए प्रकाश डाला एवं संगठन के महानगर अध्यक्ष पद के दायित्व पर पंडित प्रमोद पाण्डेय के नाम की घोषणा की गई और शीघ्र ही उनसे संगठन विस्तार की अपेक्षा की गई। संगोष्ठी में मुख्य रूप से पंडित संजय सारस्वत, पंडित संतोष शर्मा, पंडित भास्कर, पंडित अखिल पाण्डेय, पंडित अजय राज शर्मा, पंडित शिशुपाल शर्मा, पंडित नरेन्द्र मिश्रा, पंडित डी डी पाण्डेय, पंडित अशोक शर्मा, पंडित हरिओम गौतम, पंडित संजय शुक्ला, पंडित नरेश भट्ट, पंडित नवीन जोशी, पंडित केसरी नंदन, पंडित अजीत पाठक, पंडित अम्बा दत्त पंचोली, पंडित विमल शर्मा, पंडित शत्रुघ्न पाण्डेय, पंडित नंदकिशोर शर्मा, पंडित प्रणव शर्मा, पंडित तरुण शर्मा, पंडित देवेंद्र मिश्रा, पंडित विष्णु शर्मा, पंडित पंकज उपाध्याय, पंडित रोहित शर्मा, पंडित शैलेंद्र मिश्रा, पंडित रत्नेश पाण्डेय, पंडित नरेश मिश्रा, पंडित अनिल पांडेय आदि मठ मंदिरों के पुजारियों एवं महंतो के भी ओजस्वी विचारो से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

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