कोलकाता। कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार भूमिगत हो गए हैं। 2,460 करोड़ रुपये के सारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई ने उन्हें समन भेजकर साल्ट लेक स्थित कार्यालय में शनिवार को सुबह 10 बजे पेश होने के लिए कहा है। सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि राजीव कुमार उनके सामने पेश नहीं हुए और उनका फोन भी बंद है। जांच अधिकारियों ने कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों से भी अलर्ट रहने को कहा है ताकि यदि वह किसी फ्लाइट से जायें या आयें तो उनके बारे में सीबीआई को पता चल सके।
इससे पहले कोलकाता हाई
कोर्ट ने राजीव कुमार से कहा था कि वह सीबीआई के पास अपना पासपोर्ट जमा करवा दें।
शुक्रवार दोपहर को जैसे ही अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी छूट को हटाया तो सीबीआई
की टीम पार्क स्ट्रीट स्थित उनके आधिकारिक आवास पर पहुंची लेकिन वह वहां नहीं
मिले। इस पर जांच एजेंसी ने उनके आवास पर समन को चिपका दिया। राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर
लगी छूट हटाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी जब चाहे पूछताछ के लिए
उन्हें बुला सकती है। जहां इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं कि सीबीआई उन्हें
गिरफ्तार कर सकती है, वहीं अधिकारियों का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि
वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग करते हैं या नहीं। इस बीच पता चला है कि राजीव कुमार 10 सितंबर को 10 दिनों की छुट्टी पर चले
गए हैं।
1989 बैच के आईएएस अधिकारी
राजीव कुमार इस समय पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग के अतिरिक्त
महानिदेशक के तौर पर कार्यरत हैं। उनको मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना
जाता है। मीडिया में जब ये खबरें आईं कि सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ कर सकती है
तो ममता बनर्जी उनके समर्थन में आ गई थीं और उन्होंने रात भर धरना दिया था।
राजीव कुमार पर सारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े अहम सबूतों और
दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने और उन प्रभावशाली लोगों को बचाने का आरोप है
जिन्हें सारदा समूह से पैसा मिला है। 2014 में जिस एसआईटी ने इस घोटाले की जांच की थी
उसके अध्यक्ष राजीव कुमार ही थे। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की
जांच अपने हाथ में ले ली थी।