नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने बैंकों के क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीपीआई पूरे नियंत्रण में है और महंगाई को हमने हर समय चार प्रतिशत से नीचे रखा है। उन्होंने कोर इंडस्ट्री में सुधार के संकेत भी दिए। आर्थिक सुधारों पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। पिछले महीने सरकार की ओर से रिफॉर्म के लिए कई कदम उठाए गए। सरकार का फोकस निर्यात और घर खरीदारों (Home buyers) पर है। देश में व्यापार करना और आसान हुआ है।
रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के लिए बड़ा ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसे 10,000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा।
बीते एक महीने में यह तीसरी बार है जब वित्त मंत्री सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। इससे पहले 30 अगस्त को भी उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंकिंग सेक्टर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की थीं। वित्त मंत्री ने 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की भी घोषणा की जिसमें पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का विलय होगा। इसी तरह दूसरे विलय में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक एक साथ हो जाएंगे। इसके अलावा केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक शामिल होगा।
वित्त मंत्री ने इससे पहले 23 अगस्त को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई घोषणाएं की थीं। इस दौरान विदेशी निवेशकों पर लगने वाले अतिरिक्त सरचार्ज को हटाने का ऐलान किया गया। इसके अलावा बैंकों को जल्द ही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई। इसके अलावा बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को देंगे।
वित्त मंत्री ने हाल ही में ऑटो सेक्टर में आई मंदी के पीछे ओला और उबर जैसे टैक्सी सेवा प्रदाताओं को जिम्मेदार ठहराया था। चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि आज युवा कार खरीदने के बजाय टैक्सी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए ऑटो सेक्टर में नरमी आई है।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच फीसदी रह गई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल रेपो रेट में चार बार कटौती की है।
वित्त मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस की बड़ी बातें
- सरकार के अलावा एसआईसी जैसे निवेशक भी डालेंगे पैसा
- अफोर्डेबल हाउसिंग पर आसान ECB गाइडलाइंस
- अफोर्डेबल मिडिल हाउसिंग के लिए फंड
- 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान
- फ़ॉरेक्स लोन नियमों को आसान बनाया गया
- एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए एक्शन प्लान
- नया प्लान दिसंबर तक लागू हो जाएगा
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मेगा फेस्टिवल
- चार शहरों में आयोजित होगा मेगा फेस्टिवल
- एक्सपोर्ट इंश्योरेंस के लिए हर साल 1700 करोड़ रुपये
- सितंबर के अंत तक जीएसटी रिफंड
- पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड लागू होगा
- लेबर इंटेंसिव सेक्टर को प्राथमिकता मिलेगी
- आयकर कार्यालय में सब कुछ तकनीक के सहारे, कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं
- एक्सपोर्ट फाइनेंस की मॉनिटरिंग होगी
- निर्यात में ई रिफंड इस महीने के आखिर से लागू
- एक्सपोर्ट फाइनेंस की मॉनिटरिंग होगी
- नई स्कीम से सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपये का बोझ
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए RoDTEP स्कीम
- MSME के लिए गारंटी प्रीमियम पहले से कम होगा
- जीएसटी का रिफंड इलेक्ट्रॉनिक होगा
- ब्याज समानता योजना IES दर में वृद्धि की गई
- टैक्सटाइल में MEIS इस साल के अंत तक
- MEIS की जगह अब RoDTEP
- महंगाई नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में रिवाइवल के स्पष्ट संकेत
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम
- 25 लाख तक के डिफ़ॉल्ट में दो बड़े अधिकारियों की मंजूरी
- छोटे टैक्स डिफ़ॉल्ट में मुकदमा नहीं
- 19 सितंबर को PSU बैंकों के प्रमुख के साथ बैठक
- आयकर में ई एसेसमेंट स्कीम लागू किया
- बैंकों का क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ा
- एफडीआई 2018-19 और 2019-20 के बीच बढ़ा
- सीपीआई बहुत नियंत्रण में है, महंगाई को हर समय चार प्रतिशत से नीचे रखा गया
- घर खरीदारों के लिए निर्यात और सुधार के बारे में बात करेंगे
- कोर इंडस्ट्री में सुधार के संकेत
- फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट में वृद्धि