Bareillylive : संगत समतावाद, समता योग आश्रम, प्रेमनगर, बरेली आगामी 10 एवं 11 फरवरी, 2024 को अपना 66 वाँ वार्षिक सत्संग सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। सत्संग कार्यक्रम दिनांक 10 फरवरी शनिवार को रात्रिः 7.30 से 9.30 बजे तक एवं दिनांक 11 फरवरी, 2024 को प्रातः 10.00 से 1.00 बजे तक श्री त्रिवटी नाथ मन्दिर, बाबा टीबरीनाथ मन्दिर रोड, बरेली में आयोजित किया जायेगा। सत्संग के पश्चात गुरू लंगर का भी आयोजन किया जायेगा। सत्संग सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य:- यह ज्ञान यज्ञ मूलतः समाज में सेवा भाव को जाग्रत करने के लिये स्थापित किया गया था। त्याग और सेवा से ही जीव और समाज का भला हो सकता है, ऐसा सद्गुरुदेव महात्मा मंगतराम जी का निश्चित मत था। प्राचीन ऋषियों ने सृष्टि को बह्मयज्ञ की संज्ञा दी थी। यज्ञ का अर्थ है बलिदान। सृष्टि का सृजन करके ब्रह्म ने अपने को छिपा लिया। प्रत्येक जीव के रूप में उत्पन्न होकर उसने अजन्मा होकर भी जन्म स्वीकार किया, अमर होकर भी मरण स्वीकार किया। सत्संग सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियों, अन्धविश्वास, गुरूडम (तथाकथित गुरूओं) और धर्म के विकृत रूप से समाज को बचाकर, भोगवादी विचारधारा के कारण मनुष्य का जो चारित्रिक पतन हुआ है उसके स्थान पर त्यागमयी वृत्ति पैदा कर मनुष्य के जीवन में धर्म के सही स्वरूप को स्थापित करना है। संगत समतावाद महात्मा मंगतराम जी के वाणी एवं प्रवचनों पर आधरित है। महात्मा मंगतराम जी को 13 वर्ष की आयु में समाधि अवस्था में एक महामंत्र प्रकट हुआ एवं उसके पश्चात जीवों के कल्याण हेतु प्रभु कृपा से अथाह विचार और वाणी का प्रवाह उनके अन्दर होने लगा। महात्मा मंगतराम जी की वाणी का संकलन ग्रंथ श्री समता प्रकाश में और वचनों का संकलन ग्रंथ श्री समता विलास में उपलब्ध है। संगत समतावाद का मुख्य आश्रम जगाधरी (हरियाणा) में स्थित है।

इसके अन्य आश्रम दिल्ली, हल्द्वानी, आगरा, जम्मू, कालका, चंडीगढ़, शिमला, सोनीपत, पटियाला, ऊना, पश्चिम बंगाल, यमुना नगर, बीकानेर, गंगानगर, मलोठ, देहरादून, दिल्ली, पानीपत, अम्बाला, अबोहर, फिरोजपुर, पठानकोट, माधोपुर, अमृतसर, ताजेवाला आदि स्थानों पर स्थित है। इन जगहों के भी समस्त सत्संग प्रेमी परिवार सहित इस सत्संग सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

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