AstroDesk@SanatanYatra. बासंती गुप्त नवरात्र प्रति वर्ष माघ मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होते हैं। इस बार ये गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे हैं। गुप्त नवरात्र में साधक 10 फरवरी से 18 फरवरी तक पूजा-पाठ और साधना में लीन रहकर अपने कार्यों की सिद्धि के लिए जाप करेंगे। साथ ही ध्यान आदि में रत रहेंगे।
आचार्य ललित तिवारी के अनुसार गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. ललित तिवारी बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि पर्व में माँ दुर्गा के दस महाविद्या के स्वरूप में आराधना की जाती है। समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए माँ की गुप्त रूप से साधना होती है। गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार आती हैं जिनमें अनेक प्रकार की तांत्रिक साधनाएं भी की जाती हैं।
यहां कुछ विशेष कार्यों के लिए विशेष मंत्र दिये जा रहे हैं, जिनके जाप से मनोकामना पूर्ण की जा सकती है।
अच्छा पति प्राप्ति के लिए मन्त्र
कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि !
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नमः!!
यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का सिद्ध मंत्र है। इसका संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राहमण से करवाएं। माता से प्रार्थना करें कि हे माँ मैं आपकी शरण में आ गयी हूं, मुझे शीघ्रातिशीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पूरी हो। माँ भगवती की कृपा से अवश्य सफलता प्राप्त होगी।
गुणवती पत्नी प्राप्ति के लिए मंत्र
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्।
तारिणींदुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम.!!
यह भी एक सिद्ध मंत्र है। माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं, आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी।
शत्रु पर विजय और शांति प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्।।
बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिएः
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय।।