Bareillylive : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन कर् राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने बनिहाल-खड़ी-सुंबड़ -संगलदान सैक्शन (48 किलोमीटर) के बीच नई रेल लाइन और बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान सैक्शन के विद्युतीकरण का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने कश्मीर घाटी में कश्मीर की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान-बारामूला के बीच ट्रेन सेवा को (श्रीनगर स्टेशन से) हरी झंडी दिखाई। जम्मू-कश्मीर में नागरिक और शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर और उन्नत कर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू मे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बनिहाल-खड़ी-सुम्बड़-संगलदान (15,863 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 48 किलोमीटर लम्बी रेललाइन) नई रेल लाइन तथा नव विद्युतीकृत बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान सैक्शन (470.23 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 185.66 किलोमीटर लम्बी रेललाइन) का राष्ट्र को समर्पण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान और बारामूला स्टेशन के बीच (श्रीनगर स्टेशन से) ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई ।इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री, प्रधान मंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह, जुगल किशोर, सांसद (लोकसभा) और गुलाम अली खटाना, सांसद (राज्यसभा) और अन्य स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में एक साथ विकास कार्य हो रहे हैं, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती हुई कनेक्टिविटी का जिक्र किया। उन्होंने जम्मू हवाईअड्डे के विस्तार कार्य, कश्मीर को कन्याकुमारी से रेल मार्ग से जोड़ने और श्रीनगर से संगलदान और संगलदान से बारामूला तक चलने वाली ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने का जिक्र करते हुए पुष्टि की, “वह दिन दूर नहीं जब लोग कश्मीर से ट्रेन पकड़कर पूरे देश में यात्रा कर सकेंगे।” देश में चल रहे रेलवे के विद्युतीकरण के बड़े अभियान के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आज पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन मिलने पर बधाई दी।प्रधानमंत्री ने वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रेनों के शुरुआती रूटों में जम्मू कश्मीर को चुना गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं इससे माता वैष्णो देवी तक पहुंच में सुधार हुआ है बनिहाल-खड़ी-सुम्बड़-संगलदान सैक्शन पर परिचालन होना कई प्रकार से महत्वपूर्ण है। इस पूरे मार्ग पर बैलास्ट लेस ट्रैक (बीएलटी) का उपयोग किया गया है जो यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा, खड़ी- सुम्बड़ के बीच भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 (12.77 किमी) भी इसी सैक्शन में स्थित है। राष्ट्र को समर्पित रेल परियोजनाएं, कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। पीर पंजाल पर्वतमाला में यूएसबीआरएल परियोजना चुनौतीपूर्ण क्षेत्र से होकर गुजरती है। परियोजना का उद्देश्य देश के बाकी हिस्सों के साथ हर मौसम के अनुकूल आरामदायक, सुगम और आर्थिक रूप से व्यवहार्य परिवहन नेटवर्क उपलब्ध करना है। कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना (41,119 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ) में से, अब तक 161 किलोमीटर पर रेल परिचालन पहले से ही चालू है। तथापि बनिहाल-संगलदान के बीच 48 किलोमीटर रेल मार्ग पर परिचालन आज से शुरू हो गया है। अभी बारामूला-बनिहाल सैक्शन (138 किमी) पर डीजल से चलने वाली ट्रेनें चल रही हैं और अब नई लाइन चालू होने के साथ, यात्री अब बारामूला से संगलदान तक इलैक्ट्रिक ट्रेन से यात्रा कर सकेंगे। 20 स्टेशनों वाले इस सैक्शन पर रेलवे घाटी में स्वच्छ ईंधन से चलने वाली रेलगाड़ियों का नया इतिहास लिखा गया है। आज की पहल से जम्मू-कश्मीर में समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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