#बदायूं, @BareillyLive, Foundation stone of veterinary hospital in budaum, CVO suspend,पशु चिकित्सालय का शिलान्यास, सीवीओ के निलम्बन के निर्देश,

पशुधन मंत्री ने सड़कों पर भारी संख्या में निराश्रित गोवंश मिलने और शिलान्यास की अधूरी तैयारियों पर की कार्रवाई

बदायूं @BareillyLive. पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बदायूं के ब्लॉक म्याऊं क्षेत्र में पशु चिकित्सालय का शिलान्यास किया। यहां लौटते समय सड़कों पर भारी संख्या में निराश्रित गोवंश मिलने एवं शिलान्यास में अधूरी तैयारियों पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारी से सीडीओ और संबंधित खंड विकास अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप के साथ विकास खंड म्याऊं के अंतर्गत ग्राम नवीगंज में 69.11 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले पशु चिकित्सालय का शिलान्यास कर भूमि पूजन किया। धर्मपाल सिंह ने बताया कि इस पशु चिकित्सालय के लिए शासन से 34.55 लाख रुपए की प्रथम किस्त जारी कर दी गई है। ग्रामीणों ने मंत्री एवं सांसद का ढोल नगाड़ा, पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

भूमि पूजन समारोह में पशुधन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व में भारत का नाम शिखर पर पहुंचाया है। भारत का इस समय स्वर्णिम युग है, प्रधानमंत्री कर्मयोगी और मुख्यमंत्री जन्म योगी है। गोवंश की सेवा करना हमारा सबका धर्म है। कहा कि भारत देश कृषि प्रधान देश है। कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के पशुओं की निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय खेती के साथ-साथ पशु पालन करने से दोगुनी होगी।

सांसद आंवला धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के गरीबों की उन्नति के लिए कार्य किया है। केन्द्र व प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास व सबका प्रयास पर कार्य कर रही हैं।

इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा अशोक भारतीय, राणा प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी दातागंज धर्मेन्द्र कुमार सिंह, सीवीओ डॉ0 मोहर सिंह सहित ग्राम प्रधान व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

कैबिनेट मंत्री कई बार जारी कर चुके हैं निर्देश

बता दें कि कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह कई बार गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में भेजने के निर्देश दे चुके हैं। हालांकि वह खुद दो तीन बार अपनी दी गई समय सीमा बढ़ा चुके हैं लेकिन अ​धिकारी अभी तक उनके निर्देशों का पालन नहीं कर सके हैं।

अधिकारी लगातार पशुओं को गोशालाओं में भेजने का दावा करते रहे हैं लेकिन ​स्थिति जस की तस है। यही वजह रही कि बुधवार को इसका खामियाजा सीवीओ ​को निलंबन के रूप में भुगतना पड़ा। अब देखना यह है सीवीओ के निलंबन के बाद अब जनपद में आवारा पशु घूमते मिलेंगे या नहीं?

By vandna

error: Content is protected !!