बदायूं @BareillyLive. बदायूं की बाबा काॅलोनी में हुए दो बच्चों के हत्याकांड के मामले में एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने पत्रकार वार्ता में घटना का खुलासा किया। हालांकि इसके बावजूद कई सवाल अनसुलझे रह गए। सबसे बड़ी बात हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका।
आज गुरुवार को जावेद की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि जावेद और साजिद मूल रूप से बदायूं के अलापुर थाना क्षेत्र की नगर पंचायत सखानू के निवासी हैं। जावेद और उसका भाई साजिद शहर की बाबा कालोनी में घटनास्थल के बराबर में हेयर कटिंग सैलून चलाते थे।
पूछताछ में जावेद ने बताया कि साजिद मानसिक रूप से पीड़ित था और इसी के चलते बड़े सरकार में झोपड़ी बनाकर पूर्व में रहा करता था। इससे पूर्व कई बार स्वयं आत्महत्या का प्रयास कर चुका था। घटना वाले दिन साजिद घर चलकर मांसाहरी भाेजन की इच्छा करके उसके साथ मुर्गा लेने बाजार गया था और वहीं से छुरा खरीदा और उसी छुरे से घटना को अंजाम दिया।
एसएसपी के अनुसार, जावेद से पूछताछ में पता चला कि साजिद मानसिक रूप से परेशान रहता था। कई बार आक्रामक हो जाता था, जिसके लिए उसका इलाज भी परिवार वालों ने कराया था। एक बार उसने खुद पर ही अटैक कर लिया था। बताते हैं कि वह उसका वैवाहिक जीवन भी सही नहीं चल रहा था। करीब तीन-चार साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। उसके कोई बच्चा भी नहीं हो पाया था। उसके बच्चे पेट में ही खराब हो जाते थे। इससे वह काफी परेशान रहता था। पूछताछ में जावेद ने बताया कि घटना के वक्त केवल साजिद ही अंदर गया था जबकि वह बाहर खड़ा था।
हत्या का मकसद अभी नहीं हुआ है साफ…..
भले ही बदायूं पुलिस घटना के खुलासे का दावा कर रही हो लेकिन कई सवाल अभी भी जवाब के इंतजार में हैं। प्रत्येक अपराध का कोई मकसद जरूर होता है लेकिन इस मामले में पुलिस हत्या का कारण या उद्देश्य स्पष्ट नहीं कर सकी। एसएसपी के अनुसार साजिद के मानसिक तौर पर कभी कभी हिंसक हो जाता था लेकिन वह इन बच्चों के घर जाकर क्यों हिंसक हुआ? अगर वह उनके घर पर ही अचानक हिंसक हुआ तो उसके पास छुरा कहां से आया? अगर छुरा वह साथ लेकर आया था तो वह बच्चों के कत्ल के इरादे से ही वहां आया था, ऐसा क्यों नहीं माना जाए? फिलहाल पुलिस को अभी और तफ्तीश की जरूरत है जिससे वारदात का असली कारण स्पष्ट हो सके।