नई दिल्ली। अवैध रूप से भारत में घुसने वालों पर उत्तर प्रदेश में भी असम की तरह कार्रवाई हो सकती है। एक अंग्रेजी समाचार-पत्र के साथ एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू किए जाने की न केवल सराहना की है बल्कि कहा है कि आवश्यकता पड़ी तो वह उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू कर सकते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “एनआरसी लागू कराना एक अहम और साहसपूर्ण कदम है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि असम में एनआसी को लागू किया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था। इससे अवैध आव्रजन के कारण गरीबों को होने वाली समस्याओं का भी अंत होगा। उन्होंने कहा, “इन बातों को चरण-वार लागू किया जा रहा है और मुझे लगता है कि जब उत्तर प्रदेश को एनआरसी की जरूरत होगी, हम ऐसा करेंगे। पहले चरण में यह असम मे हुआ है और जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है, यह हमारे लिए एक उदाहरण हो सकता है।” योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि इसे लागू किया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था और अवैध आव्रजन के कारण गरीबों को होने वाली समस्याओं का भी अंत होगा।
गौरतलब है कि असम से अवैध रूप से बसे लोगों को बाहर निकालने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर यह अभियान चलाया गया। असम सरकार ने पिछले महीने राज्य में अंतिम एनआरसी सूची जारी की जिसमें 19 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी की मांग कर चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कह चुके हैं कि वह अपने राज्य में इसी तरह के नियम के क्रियान्वयन के लिए कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल जैसे बांग्लादेश की सीमा से सटे राज्य जहां असम के बाद सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिये मौजूद होने के आरोप लगते रहे हैं, की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनआरसी का विरोध कर रही हैं।