भमोरा (बरेली)। पांच दिन से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार करने वाली लड़की अंततः ‘सिस्टम’ से हार गयी। शोहदों की हरकतों से त्रस्त होकर उसने आज सोमवार को फांसी लगाकर जान दे दी। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष ने घटनास्थल का मुआयना किया। बता दें कि 5 दिन पूर्व क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की ने थाना भमोरा में अपने साथ छेडछाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार की थी। पुलिस ने एक्शन नहीं लिया तो महिला आयोग से शिकायत की थी।
क्षेत्र के गांव मिलक मझारा में रहने वाले लोचन ने बताया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी 11 सितम्बर को खेत पर घास काटने गई थी। उसे गांव के युवक दुर्वेश व धीर सिंह ने छेड़छाड़ करके जबरन दबोच कर दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। विरोध पर दोनों युवकों ने युवती से मारपीट की। लड़की के शोर मचाने पर दोनों युवक भाग गये। घर पंहुचकर बेटी ने घटना के बारे में बताया। हम लोग उसी दिन रिपोर्ट लिखाने थाने गये थे, लेकिन पुलिस ने टरका दिया था।
महिला हेल्पलाइन पर फोन कर घटना की जाकनकारी दी। इसके बाद बरेली चाईल्ड लाइन के सदस्य पीड़िता के साथ थाने पंहुचे। वहां छेड़छाड़ और मारपीट की तहरीर देने पर मुंशी आग बबूला हो गया। उसने मारपीट की तहरीर देने को कहते हुए वह तहरीर बदल कर लाने को कहा। बेटी और मैंने आला अफसरों से शिकायत की बात कही तो उस दिन देर रात पुलिस ने छेड़छाड़ की रिपोर्ट दुर्वेश और धीर सिंह के खिलाफ लिख तो ली लेकिन कार्रवाई नहीं की।
पुलिस ने लड़की के 164 के बयान भी नहीं कराये। बस, एक दिन पहले ही मेडिकल कराया था। कार्रवाई न होने से आरोपियों के हौसले बुलंद थे, वे लगातार बेटी पर फब्तियां कस रहे थे।
लोचन राम ने बताया वह सोमवार को अपनी पत्नी के साथ खेत पर चला गया। बेटी घर में अकेली थी। उसने कमरे के अंदर कुंडे में दुपट्टा बांध कर अपने आप को फांसी लगा आत्महत्या करली। दोपहर में जब वह खेत से लौटा। अंदर से कमरा बंद देख आवाजे लगाईं जबाब न मिलने पर दरवाजा तोड़ा तब बेटी दुपट्टे से कुंडे में लटकी हुई थी। उसकी मौत हो चुकी थी। उसने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पंहुची। सीओ रामप्रकाश, एसओ श्याम सिंह आदि पुलिस ने आनन फानन में शव उतरवा कर पोस्टमार्टम को भेजा।