नयी दिल्ली, 22 जुलाई। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति के बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ है। समिति ने विधेयक के ज्यादातर प्रावधानों पर सहमति जतायी है और केन्द्र की ओर से राज्यों को पांच साल तक राजस्व भरपाई करने की तृणमूल कांग्रेस की मांग सहित विभिन्न पार्टियों की मांग पर भी सहमति जताई है।
भारतीय जनता पार्टी के भूपेंदर यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने सदन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में राजस्व क्षतिपूर्ति और सामानों की अंतरराज्यीय आपूर्ति के मामले में राज्यों द्वारा एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने संबंधी प्रावधानों में बदलाव का सुझाव दिया है। हालांकि, रिपोर्ट में कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और वाम दलों की ओर से असहमति के नोट लगाये गये हैं। इन पार्टियों ने मौजूदा स्वरूप में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताया है।
जीएसटी विधेयक को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है अब इसे राज्यसभा में विचार एवं पारित करने के लिये आगे बढ़ाया जायेगा। संविधान संशोधन विधेयक होने की वजह से इसे राज्य सभा के दो तिहाई सदस्यों की मंजूरी से पारित कराना होगा। केन्द्र की भाजपा सरकार के पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है। ऐसे में उसे विधेयक पारित कराने के लिये अपने सहयोगी दलों और क्षेत्रीय पार्टियों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा।