नयी दिल्ली। हाय-हाय गर्मी, उफ् ये गर्मी…। आसमान से आग बरस रही है, पानी खौल रहा है। इन्सान हो या पशु-पक्षी सब बेहाल हैं। रोज आसमान की ओर देखते हैं, मानों ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हों। हे प्रभु! अब तो इंद्रदेव को बरसने का आदेश दे दो। तुम्हारी सृष्टि गर्मी से हलकान है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, या दिल्ली… यानि उत्तर भारत के लोग भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं। यूपी और दिल्ली में हीटवेव से कई लोगों के मारे जाने की खबर से चिन्ता बढ़ रही है। इस बीच राहत देने वाली खबर ये है कि मुंबई के कुछ इलाकों में आज सुबह बारिश से मौसम सुहाना हुआ है। जल्दी ही यूपी और दिल्ली में मानसून पहुंचने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी है। आइए जानते हैं कि मॉनसून किन राज्यों मे पहुंच चुका है और कहां कब पहुंचेगा मानसून-
यहां हो रही बारिश
- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना, महाराष्ट्र
- गुजरात के कुछ इलाके
- छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से
- केरल, तमिलनाडु
दिल्ली-UP कब पहुंचेगा मॉनसून
बिहार- झारखंड में 23 जून तक मॉनसूनी बारिश शुरू हो सकती है।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश (यूपी) और उत्तराखंड में 25 जून तक मॉनसूनी बादल आ सकते हैं। हालांकि ये पूर्वानुमान अगले 3-4 दिन में मॉनसून के आगे बढ़ने की अनुकूल परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के लिए भी मॉनसून की तारीख 25 जून मानी जा रही है।
दिल्ली वालों के लिए यह इंतजार लंबा हो सकता है। मॉनसूनी बारिश शुरू होने के लिए अभी 10 दिन से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। दिल्ली-हरियाणा और पंजाब तक मॉनसून 30 जून को पहुंचने का अनुमान है।
अगले 4 दिन अहम
मौसम विभाग के अनुसार अगले 4 से 5 दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात के कुछ हिस्सों में, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, बंगाल और झारखंड के कुछ हिस्सों में मॉनसून आगे बढ़ सकता है। साउथ और ईस्ट में भी मॉनसून के आगे बढ़ने की उम्मीद है।
जून में घट गई बारिश!
भारत में एक जून से मॉनसून का टाइम शुरू हो जाता है। उसके बाद से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (प्डक्) ने बताया है कि अगले तीन से चार दिनों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मानसून आने की स्थिति बन रही है। मौसम विभाग ने बताया कि भारत में एक से 18 जून के बीच 64.5 मिमी बारिश हुई, जो लंबी अवधि के 80.6 मिमी के औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम है।
मौसम विभाग ने बताया कि एक जून से अब तक उत्तर-पश्चिम भारत में 10.2 मिमी बारिश (सामान्य से 70 प्रतिशत कम), मध्य भारत में 50.5 मिमी (सामान्य से 31 प्रतिशत कम), दक्षिण प्रायद्वीप में 106.6 मिमी (सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक) और पूर्व एवं उत्तर-पूर्व भारत में 146.7 मिमी (सामान्य से 15 प्रतिशत कम) बारिश हुई. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 मई को निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था।
इसके बाद 26 मई को चक्रवात रेमल के साथ ही मॉनसून दक्षिण के अधिकांश हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य के कुछ हिस्सों तक पहुंचा था. केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से क्रमशः दो और छह दिन पहले 30 मई को मॉनसून ने दस्तक दे दी थी। केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सभी हिस्सों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकतर क्षेत्रों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी ओडिशा के कुछ भागों, उप-हिमालयीय पश्चिम बंगाल के अधिकतर हिस्सों, सिक्किम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों में 12 जून तक मॉनसून दस्तक दे चुका था।
आईएमडी ने कहा, ‘इन क्षेत्रों तक पहुंचने के बाद मॉनसून आगे नहीं बढ़ा…’ आईएमडी ने बताया कि देश के 11 मौसम उप-प्रभागों में एक से 18 जून के बीच सामान्य से लेकर बहुत अधिक बारिश हुई है, जबकि 25 उप-प्रभागों में बहुत कम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, देशभर में जून में औसत बारिश सामान्य से कम होने की संभावना है।