डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर उन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर हुई संगोष्ठी

Bareillylive: भाजपा संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर जिला संगोष्ठी का आयोजन अशर्फी बैंक्विट हॉल सौ फिटा रोड पर किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी चौधरी देवेंद्र सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष पवन शर्मा ने की। जिला संगोष्ठी में जिले के सभी पदाधिकारी, मोर्चो के सभी अध्यक्ष, सभी ब्लॉक प्रमुख एव सभी चैयरमेन एवं जिले कार्यसमिति सदस्य उपस्थित रहे। माल्यर्पण एवं दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। जिला संगोष्ठी में सभी वक्ताओं ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं जीवन चरित्र पर अपने विचार व्यक्त किये।

मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी चौधरी देवेंद्र सिंह ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। उनके पिता आशुतोष बाबू अपने जमाने के विख्यात शिक्षाविद थे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी 24 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य बने। 1939 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। डा. मुखर्जी को नमन करते हुए जिला प्रभारी ने कहा कि राष्ट्र के इतिहास में विरले ही ऐसे क्षण आते हैं जब एक अद्रुत निर्णय से उसका प्रारब्ध निर्मित हो जाता है। ऐसे निर्णयों से इतिहास की धारा मुड़ जाती है। राष्ट्र की यात्रा एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास से अनुप्राणित हो उठती है। सफलताओं और उपलब्धियों की गाथा का प्रभाव समस्त राष्ट्रजीवन पर पड़ता है। पूरा राष्ट इसके प्रभाव से पुष्पित और पल्लवित हो उठता है। उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35-ए की समाप्ति एवं जम्मू- कश्मीर का पुनर्गठन भारत के इतिहास में ऐसा ही एक अद्भुत निर्णय है। एक ऐसा निर्णय जिसके लिए पूरा राष्ट्र सात दशकों से प्रतीक्षारत था। ऐसे ऐतिहासिक निर्णय के लिए अत्यधिक दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति एवं एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता थी जो आत्मविश्वास से परिपूर्ण और दृढ़ निश्चयी हो। जैसे ही यह निर्णय लिया गया और जिस क्षण संसद के दोनों सदनों ने इस पर विचार करके पारित किया, पूरे देश ने एकजुट होकर इसका उत्सव मनाया। इतिहास के पृष्ठों में वे क्षण स्वर्णाक्षरों में अंकित हो चुके हैं। अनुच्छेद 370 और 35-ए का हटाया जाना हमारे प्रेरणास्त्रोत पुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि है।

पूर्व जिला अध्य्क्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नारा दिया था कि एक देश में दो विधान दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे। उन्होंने राष्ट्रहित के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर से रक्तपात भरे युंग का अंत हुआ है। अनुच्छेद 370 एक अस्थायी उपबंध था जिसको कभी न कभी हटना ही था। लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लालच में उसको हटाने की हिम्मत नहीं की। भाजपा की सरकार ने जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों के लिए यह फैसला लिया।

जिलाध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने नेहरू जी और गांधी जी की तुष्टिकरण नीति का सदैव खुलकर विरोध किया।उन्होंने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र इतना मजबूत है लेकिन जम्मू कश्मीर में दशकों तक लाखों लोग ऐसे थे, जिनको लोकसभा में वोट का अधिकार था लेकिन वे विधानसभा और स्थानीय निकायों में वोट नहीं डाल सकते थे। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अमिट निर्णय से अब सभी को यह अधिकार मिल गए हैं। केन्द्र के दृढ़ निर्णय से इस राज्य में भी वहां के लोग जन प्रतिनिधि चुनेंगे। नागरिकों के जीवन में इज ऑफ लिविंग बढ़ेगी।

23 जून 1953 को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई थी। संगोष्ठी का संचालन जिला महामंत्री सोमपाल शर्मा ने किया। इस अवसर पर जिला प्रभारी चौधरी देवेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष पवन शर्मा, जिला पंचायत अध्य्क्ष रश्मि पटेल, विधायक डॉक्टर एमपी आर्य, पूरन लाल लोधी, राजकुमार शर्मा, सोमपाल शर्मा, मेघनाथ सिंह कठेरिया, वीरपाल गंगवार, नरेंद्र सिंह राठौड़, योगेश पटेल, गोपाल कृष्ण गंगवार, बुद्धसेन मौर्य, भूपेंद्र कुर्मी, वीरपाल मौर्य, अजय सक्सेना, अभय चौहान, राहुल साहू, मीडिया प्रभारी अंकित महेश्वरी, अंकित शुक्ला, मुकेश राजपूत, सम्राट सिंह, सुरजीत यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।