नई दिल्ली। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश किया। सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट प्रस्तुत किया है। इसी के साथ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का लगातार छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर भरोसा जताने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का जनादेश देने के लिए देश की जनता को धन्यवाद दिया।
उन्होंने केंद्रीय बजट के साथ ही 2024-25 के लिए भारत सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय पर एक वक्तव्य भी सदन में पेश किया। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने लगभग एक घंटा 20 मिनट के बजट भाषण के बाद लोकसभा में वित्त (संख्या 2) विधेयक, 2024 पेश किया। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय पर एक वक्तव्य भी प्रस्तुत किया।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। निचले सदन की अगली बैठक बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होगी। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी नीतिगत अनिश्चितता की चपेट में है… ऐसे में भारत की आर्थिक वृद्धि जारी है। वित्तमंत्री ने कहा कि देश की मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है और चार प्रतिशत की ओर बढ़ रही है। वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा समेत केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहे।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, द्रमुक के टी आर बालू और राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले समेत प्रमुख विपक्षी नेता भी बजट भाषण के दौरान सदन में उपस्थित रहे। लोकसभा में बजट पेश करने से पहले सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
बजट की मुख्य बातें
- नयी कर व्यवस्था में मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई।
- पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई।
- नयी कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलावः तीन-सात लाख रुपये के बीच आय पर पांच प्रतिशत, सात-10 लाख रुपये के लिए 10 प्रतिशत, 10-12 लाख रुपये के लिए 15 प्रतिशत।
- नयी कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में 17,500 रुपये तक की बचत कर पाएंगे।
- कैंसर की तीन दवाओं – ट्रैस्टुजुमैबडेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब – को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई।
- मोबाइल फोन, मोबाइल सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया।
- प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प सौदों पर लगने वाले प्रतिभूति लेनदेन कर को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत किया गया।
- शेयरों की पुनर्खरीद पर होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा।
- स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल कर समाप्त कर दिया गया।
- विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए ’विवाद से विश्वास’ योजना, 2024 लाई जाएगी।
- कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा बढ़ाकर क्रमशः 60 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
- कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक लाभ पर 20 प्रतिशत कर।
- सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर।
- सूचीबद्ध शेयरों से हुए 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर छूट दी गई।
- ई-कॉमर्स कंपनियों पर टीडीएस की दर एक से घटाकर 0.1 प्रतिशत की गई।
- विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया।
- आयकर आकलन को तीन साल से पांच साल तक दोबारा खोला जा सकता है। हालांकि यह उसी समय होगा जब बची हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो।
- सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी करेगी।
- जीएसटी को सरल और युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि बाकी क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जा सके।
- राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान, अगले साल 4.5 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान।
- बजट में विनिर्माण एवं सेवाओं सहित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की रूपरेखा दी गई।
- बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित।
- वित्त वर्ष 2024-25 का पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये निर्धारित।
- बिहार में कुछ सिंचाई और बाढ़ रोकथाम परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।
- बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता।