’महापुरूष एक जाति-वर्ग क्षेत्र का नहीं, संपूर्ण समाज का होता है : सुनील देवधर
साठे जी के मार्ग पर चलकर देश सेवा कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- डॉ. मुरुगन
नई दिल्ली। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 104वीं पुण्यतिथि व लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे की 104वीं जयंती के मौके पर सामाजिक संगठन ‘माय होम इंडिया’ ने गुरुवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया। आकाशवाणी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संसदीय कार्य एवं केंद्रीय सूचना व प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एलएस मुरुगन जी ने कहा कि वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अण्णा भाऊ साठे जी के मार्ग पर जन-सेवा के कार्य कर रहे हैं।
राज्यसभा सांसद श्री मुरुगन ने इस मौके पर कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी का नारा- सबका साथ सबका विकास एक सर्वोत्तम उदाहरण है कि वह किस तरह अण्णा भाऊ साठे जी के मार्ग पर चलते हुए देश सेवा कर रहे हैं। पहले बहुत कम सुविधाएं देश में उपलब्ध थीं लेकिन अब सभी को संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं और वो भी बिना किसी भेदभाव के। हमारे देश को अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद जैसे राष्ट्रपति मिले और आज भी सर्वोच्च पद पर द्रौपदी मुर्मू जी विराजमान हैं, जो हमारी पार्टी की विचारधारा को दिखाती है।’ उन्होंने आगे कहा कि देश विकसित भारत की ओर अग्रसर है और जब हम 100वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे होंगे तब हम विकसित भारत की संकल्पना को साकार कर चुके होंगे।
‘माय होम इंडिया’ के संस्थापक और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कहा, ‘कोई भी महापुरूष किसी राज्य, किसी जाति- वर्ग का नहीं बल्कि संपूर्ण समाज का होता है। जब समाज एकजुट होकर अपने महापुरुषों को सम्मान देता है तो सामाजिक समरसता मजबूत होती है।’ श्री देवधर ने ‘माय होम इंडिया’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब कोई बच्चा अपने परिवार से बिछड़ जाता है, बाल गृह में रह जाता है तो उसकी आशा माय होम इंडिया के स्नेहदूत होते हैं जो उसके परिवार का पता लगाकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाता है।
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के लोकसभा सांसद व दिल्ली भाजपा के महामंत्री योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि महापुरुषों की जयंती इसलिए मनानी चाहिए ताकि देश आजादी के महत्व को समझें, भारत सोने की चिड़िया तभी बनेगा, जब हम उनके आदर्शों पर चलेंगे। उन्होंने कहा कि हम आज आजाद हवा में सांस ले पा रहे हैं तो इनके जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक जी के नारे- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, ने भारतीयों पर गहरा प्रभाव डाला।
जाने-माने वक्ता व कीर्तनकार संत तुकाराम महाराज के ११वें वंशज शिरीष मोरे भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि किस तरह लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व अण्णा भाऊ साठे पर छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रभाव था। उन्होंने कहा कि ये महाराष्ट्र के ही नहीं, बल्कि देश के सपूत थे। श्री मोरे ने कहा, ‘भारत महान संत परंपरा का अनुयायी रहा है, समाज जब ऐसे संत पुरूष का अनुसरण करता है तो राष्ट्र प्रगति की ओर बढ़ता है।’ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के पूर्व अध्यक्ष अरूण हलदर ने भी सामाजिक समरसता की बात कही और संस्था के कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन माय होम इंडिया के दिल्ली एनसीआर अध्यक्ष श्री बलदेव राज सचदेवा ने किया।