शाहजहांपुर। छात्रा से दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में संजय व उसके दो सहयोगियों के बाद अब छात्रा को भी नामजद किया गया है। इसे लेकर छात्रा ने एसआइटी पर सवाल खड़े किए। कहा कि उसे साजिशन फंसाया जा रहा जबकि चिन्मयानंद को बचाने के लिए हल्की धाराएं लगाई गईं। जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
छात्रा व उसके पिता दो दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट गए थे। वकीलों से मुलाकात के बाद शुक्रवार दोपहर को शहर लौटे। तब तक चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। मीडिया ने चिन्मयानंद की दो सौ कॉल उसके नंबर पर होने का सवाल किया तो छात्रा ने कहा कि जान बचाने के लिए अगर चार सौ बार भी बात करनी पड़े तो कम है। छात्रा ने कहा कि इतनी बदनामी के बाद स्वामी चिन्मयानंद पर हल्की धाराओं में कार्रवाई हुई। 376 सी लगाने का हवाला देकर कहा कि लग रहा है कि कानून सबके लिए बराबर नहीं है। चिन्मयानंद को बचाने के लिए प्लानिंग की जा रही, इसमें कुछ लोग शामिल हैं। कौन…इस सवाल पर कहा कि पता नहीं। बोली कि आत्मदाह की धमकी के बाद भी न्याय नहीं मिला। उसके खिलाफ साजिश की जा रही। उसने सुबूत नष्ट करने का आरोप भी दोहराया। छात्रा ने कहा कि चिन्मयानंद बड़ी हस्ती हैं इसलिए धारा 376 सी लगाई गई। कोई और होता तो इतने प्रकरण के बाद धारा 376 ही लगती। छात्रा ने साफ कहा कि रंगदारी से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उन लड़कों ने क्या किया उसे नहीं मालूम।
छात्रा का आरोप है कि चिन्मयानंद से बीमारी का बहाना कराया गया। 23 सितंबर को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जानी है। इससे पहले हल्की धाराएं लगाकर गिरफ्तारी का नाटक किया गया। सवाल खड़ा किया कि भाजपा के नेताओं के लिए क्या प्रदेश में अलग कानून है? जब कोई मर जाएगा तभी आंखों से पट्टी उतरेगी? रंगदारी के मुकदमे में एसआइटी ने छात्रा का नाम भी शामिल किया है। इस पर उसने कहा कि एसआइटी पता नहीं क्या करना चाहती है। जिसको जितनी मनमानी करनी है कर ले। वह गलत इंसान को सजा दिलाकर रहेगी।