Bareillylive : कहते हैं कि कला की पहुंच सीमाओं से पार होती है कलाकार की प्रतिभा और उसका व्यक्तित्व उसे समाज मे प्रशंसनीय बनाता है, हाल ही मे समाप्त हुए सुपरस्टार सिंगर 3 के फाइनलिस्ट क्षितिज सक्सेना आज घर घर में जाना पहचाना नाम है। *हम कायस्थ कल्याण समिति* के बैनर तले सोनी टीवी के चर्चित शो सुपरस्टार सिंगर 3 के रनरअप क्षितिज सक्सेना का कल बरेली में सम्मान समारोह हुआ जिसमें सर्वसमाज को निमंत्रण दिया गया और सभी उपस्थित रहे। ये समारोह होटल किंग्स हेरिटेज बीसलपुर चौराहे पर हुआ।
कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों ने क्षितिज का सम्मान किया जिसमें गट्टूमल परिवार से जीएम फार्मेसी के निदेशक रवि अग्रवाल ने भगवान के बाल स्वरूप की प्रतिमा क्षितिज को सम्मान में दी।माधवराव सिंधिया के प्रबंधक डॉ सौरभ अग्रवाल ने भी क्षितिज का सम्मान किया, वन पर्सेंट स्टूडियो से मोहित और तुषार श्रीवास्तव ने सम्मानित किया। लोकप्रिय कवि रोहित राकेश ने भी उसका माला पहनाकर सम्मान किया। सीएस अंकित अग्रवाल जो रोटरी क्लब बरेली के अध्यक्ष चुने गए है उन्होंने और समाजसेवी विशाल मल्होत्रा मनीष ने भी सम्मानित किया।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा से संजीव सक्सेना, अश्वनी कमठान, आलोक सक्सेना, योगेश सक्सेना व उनकी टीम ने सम्मानित किया। श्री चित्रगुप्त धाम के संस्थापक डॉ शिव कुमार सक्सेना ने मंदिर की माला और पटके से सम्मान किया। कायस्थ चेतना मंच से पवन सक्सेना, संजय सक्सेना, अमित सक्सेना बिंदु आदि ने सम्मानित किया। मानव सेवा क्लब से सुरेंद्र बीनू सिन्हा, अखिलेश सक्सेना ने सम्मान किया। कायस्थ समाज से शिव कुमार बरतरिया, वेद प्रकाश सक्सेना, निर्भय सक्सेना, सचिन श्याम भारतीय ने, कायस्थ सेना के आलोक प्रधान, श्यामदीप आदि ने भी सम्मान किया। समारोह के आयोजन में हम कायस्थ संस्था के अपुल श्रीवास्तव, अंकुर किशोर सक्सेना, संजीव सक्सेना, डॉ शिवम कमठान, सुनील सक्सेना, नमन सक्सेना, अभिषेक सक्सेना आदि सम्मलित रहे। शानदार म्युजिकल व्यवस्था में बरेली के प्रसिद्ध मंगल स्वर बैंड ने ऑर्केस्ट्रा और साउंड को सजाया।
क्षितिज ने अपने गीतों जैसे मूषक सवारी तेरी गणपति बप्पा मोरिया, मर जाऊँ या जी लूँ जरा, खोया खोया चांद, मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा, तेरे बिना गुजारा ए दिल है मुश्किल, आजा आजा दिल निचोड़े, ये हसी वादियाँ ये खुला आसमाँ, ए जिन्दगी गले लगा ले, तू ही रे जैसे बेहतरीन गीतों से जहां समां बांध दिया वहीं पीलीभीत से आये समवेत की बांसुरी वादन ने सभी का मन मोह लिया। सभी ने कहा कि ऐसी बांसुरी कभी नहीं सुनी। कार्यक्रम का संचालन अंकुर सक्सेना और आशीष माइकल ने किया। एक मेडले के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम देर रात 12:30 तक चला। तकरीबन 200 लोग देर रात तक कार्यक्रम में मौजूद रहे।