नगर निगम नहीं ले रहा कोई सुधि, सभासद भी नहीं पकड़वा पा रहे बंदरों के झुंड
बरेली@BareillyLive. बरेली शहर के मोहल्ला गुलाबनगर और चाहवाई इलाके में इन दिनों बंदरों ने जबर्दस्त आतंक मचा रखा है। लोग न छतों पर सुरक्षित हैं, न घरों में। मंदिरों में पूजा-अर्चना करना भी खतरे से खाली नहीं है। बंदरों के झुंड अब तक न जाने कितने लोगों को हमला कर लहूलुहान कर चुके हैं। ताजा मामला गौरीशंकर मंदिर के पास रहने वाले एक छात्र के साथ पेश आया। वह छत पर गया तो बंदर उस पर झपट पड़े और छात्र छत से गिरकर अपने दोनों पैर तुड़वा बैठा।
वार्ड 58 की गली लोहारान निवासी पंकज सक्सेना का पुत्र चित्रांश सोमवार को पढ़ाई के इरादे से छत की ममटी पर गया था, उसकी आजकल अर्ध वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। पिता पंकज सक्सेना व मां रीना ने बताया कि वह शहर के लायंस रुहेला पब्लिक सकूल में कक्षा आठ का छात्र है। परीक्षा की वजह से उसे काफी मेहनत करनी पड़ रही है, घर में ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती, इसलिए वह छत पर एकांत में पढ़ने चला गया। जब वह ममटी पर बैठा था, उसी समय बंदरों के झुंड ने उसे घेर लिया।
चित्रांश ने सूझबूझ नहीं खोई और जान बचाने के लिए मुमटी से कूद गया और जीने का दरवाजा बंद कर लिया। उसने खुद की जान तो बचा ली लेकिन अपने पैरों को सुरक्षित नहीं बचा पाया। चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर बड़ा भाई उमंग और बहन प्राक्ती दौड़कर छत पर पहुंचे तो देखा चित्रांश कराह रहा था। दोनां भाई-बहन उसे गोद में डालकर नीचे लाये। आनन फानन उसे अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने उसके दोनों पैरों की हड्डी टूटने की बात बताई, प्लास्टर चढ़ा दिया गया है।
फिलहाल चित्रांश को ठीक होने में डेढ़ से दो महीने लगने की बात कही गई है। बंदरों के आतंक को लेकर नागरिक कई बार अपने वार्ड के सभासदों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन लगता है नगर निगम में उनकी भी सुनवाई नहीं हो रही है।