शाहजहांपुर। स्वामी चिन्मयानंद यौन शोषण मामले में रंगदारी मांगने के आरोप में घिरी छात्रा की जमानत याचिका पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी। छात्रा के वकील ने मंगलवार को जिला सत्र न्यायालय में उसकी जमानत को लेकर याचिका दाखिल की जिस पर कई घंटे तक सुनवाई चली। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की। अदालत की सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण फिलहाल छात्रा की गिरफ्तारी टल गई है।

छात्रा को एडीजे प्रथम के न्यायालय में पेश किया गया था जिसके बाद से वह एसआईटी की निगरानी में है। इससे पहले छात्रा गिरफ्तारी से बचने के लिए रविवार शाम अपने पिता व भाई के साथ प्रयागराज चली गई थी। वहीं उसके दो दोस्तों सचिन और विक्रम को मंगलवार सुबह 11:15 बजे एसआईटी ने जिला कारागार से रिमांड पर ले लिया। खबर है कि टीम पहले दोनों लोगों को मेडिकल टेस्ट के लिए जिला अस्पताल लेकर गई और उसके बाद राजस्थान लेकर जा सकती है। 

सोमवार शाम अदालत ने एसआईटी की पूछताछ के लिए तीन आरोपितों में से दो को 95 घंटे के लिए रिमांड दिया था। चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगे जाने के मामले में गिरफ्तार हुए संजय, सचिन और विक्रम की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद एसआईटी की ओर से कोर्ट को दिए गए रिमांड प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ओमवीर सिंह ने सचिन और विक्रम को 95 घंटे की पुलिस रिमांड पर देने का निर्देश दिया। संजय को रिमांड पर नहीं मांगा गया था। 

एसआईटी को सचिन और विक्रम की निशानदेही पर मोबाइल फोन बरामद करना है जिसे इन लोगों ने राजस्थान के मेंहदी और दौसा के बीच रास्ते में फेंका था। वहीं स्वामी चिन्मयानंद की भी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। चिन्मयानंद को जिन धाराओं में जेल भेजा गया है उनमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, इसलिए उनकी भी जमानत अर्जी खारिज हो गई। 

सचिन और विक्रम को रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी के अधिकारी सुरेंद्र कुमार कटियार ने अदालत से कहा था कि स्वामी चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण मामले में अभी और भी सबूत मिलने हैं। इसके लिए एक मोबाइल फोन की तलाश है जिसे इन लोगों ने राजस्थान में मेंहदीपुर से दौसा-भरतपुर मार्ग पर महेबा बाइपास पर सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया था। मोबाइल फोन एमआई का है और उसे बरामद करना है। मोबाइल हैंडसेट संजय का बताया जा रहा है और उसमें तमाम साक्ष्य मौजूद हैं।

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