शाहजहांपुर। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण/दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा को एसआईटी ने बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे रंगदारी मामले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद एसआइटी उसको चौक कोतवाली ले गई। वहां से उसे मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जिसके बाद एसआइटी छात्रा को लेकर अदालत पहुंची। सीजेएम के छुट्टी पर होने के कारण एसीजेएम कोर्ट में छात्रा को पेश किया गया। अदालत नेे छात्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया जिसके बाद उसको कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया। चिन्मयानंद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वह इस समय शाहजहांपुर जिला कारागार में हैं।
छात्रा
पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने और रंगदारी मांगने का आरोप है। रंगदारी मामने का एक वीडियो सामने आया था जिसके बाद छात्रा और उसके तीन साथियों
पर पुलिस ने रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज किया था। पांच
करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में जेल में बंद सचिन
उर्फ सोनू और विक्रम सिंह को मंगलवार को एसआईटी ने रिमांड पर लिया था। जेल से
निकलने के बाद दोनों का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया और इसके बाद एसआईटी
दोनों को लेकर पुलिस लाइन स्थित कैंप कार्यालय लेकर पहुंची थी।
इससे पहले
मंगलवार को चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा ने हाईकोर्ट से
लौटकर एडीजे प्रथम न्यायालय में एसआईटी द्वारा की गई अब तक की जांच रिपोर्ट तलब
करने और अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगली तारीख 26 सितंबर तय की थी।
चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित छात्रा मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे पिता, भाई व भारी पुलिस सुरक्षा के साथ अदालत पहुंची थी। एसआईटी की टीम भी साथ में थी।
एसआईटी के सह विवेचक संजय कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में मंगलवार को संजय सिंह को रिमांड पर लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद मामले में साक्ष्य के लिए छात्रा का मोबाइल बरामद करना है जिसे संजय सिंह ने नीरज सिंह के ढाबे के पास बंथरा जाने वाले रास्ते में छिपा दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रभारी दिनेश कुमार गौतम ने संजय का रिमांड प्रार्थना पत्र इस आशय के साथ खारिज कर दिया कि वह चिन्मयानंद मामले में आरोपित नहीं है।