प्रयागराज। जमीन पर जबरन कब्जे के साथ ही किताब, मूर्ति, भैंस बकरी आदि चोरी के करीब सात दर्जन मुकदमों के मकड़जाल में फंसे सपा सांसद आजम खान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने बुधवार को रामपुर के मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित सभी जमीन मामलों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने अजीमनगर थाने में किसानों की ओर से दर्ज एफआइआर के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। साथ ही पूर्व सांसद व रामपुर से आजम के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं जयाप्रदा को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।

न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की डिविजन बेंच ने मोहम्मद आजम खां व अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है।

याची अधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी और सफदर काजमी ने बताया कि  मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन के मामले में जयाप्रदा ने किसानों को उकसाकर एफआइआर दर्ज करवाई है। आजम के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर 27 एफआइआर दर्ज कराई गई हैं। किसानों ने आजम पर जबरन जमीन लिखवा लेने व कब्जा कर लेने का आरोप लगाया गया है। याचिका में राज्य सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है जबकि सरकार का कहना है कि किसानों ने एफआइआर दर्ज कराई है जिससे उसका कोई सरोकार नहीं है।

हाई कोर्ट ने आजम खान की याचिका पर सुनवाई के बाद उनके खिलाफ दर्ज 27 मामलों पर स्थागनादेश (Stay) दिया है। आजम के खिलाफ रामपुर प्रशासन और आम लोगों ने अब तक 85 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए हैं। इनमें भैंस चोरी, बकरी चोरी, मदरसा से किताबों की चोरी, बिजली चोरी, गैर इरादतन हत्या, लूटपाट, धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे शामिल हैं। इनमें से कई मामलों में उनकी सांसद पत्नी तजीन फातिमा, दोनों बेटों और दिवंगत मां का नाम भी शामिल है। रामपुर प्रशासन उनको भू-माफिया घोषित कर चुका है।

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