न्‍यूयॉर्क। आतंकवादियों को प्रशिक्षण देते-देत खुद “आतंकिस्तान” बन चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने “मानवता के खिलाफ किए गए अपने देश के पापों” को एक बार फिर कबूल किया है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने की बात मानी है। हालांकि उन्होंने इस नापाक करतूत का यह कहकर बचाव करने की भी कोशिश की कि “हमने जेहादी तैयार किए थे पर वह आतंकवादी बन गए।”

इमरान खान ने स्‍वीकार किया कि पाकिस्तान में 50 आतंकी ग्रुप मौजूद थे। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा कि 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका से दोस्ती करने के बाद आतंकियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्‍होंने कहा कि 1980 के दशक में अफगानिस्‍तान में तत्‍कालीन सोवियत संघ (विखंडन के बाद रूस) की सेना के खिलाफ मोर्चे के लिए पाकिस्तान की सेना ने मुजाहिदीनों की प्रशिक्षण दिया था। उनको जेहाद के लिए तैयार किया गया लेकिन 9/11 आतंकी हमले के बाद वे मुजाहिदीन अमेरिका के साथ पाकिस्‍तान के भी दुश्‍मन बन गए।

गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों के भीतर इमरान खान ने दूसरी बार यह स्‍वीकारोक्ति की है। दरअसल, रूसी मीडिया को दिए इंटरव्‍यू में भी उन्‍होंने यही बात कही थी।

आपको याद होगा कि इमरान ने इसी हफ्ते स्वीकार किया था कि उनके देश की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अफगानिस्तान में लड़ने के लिए अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण दिया था और इसलिए हमेशा से उनसे संबंध बने रहते हैं क्योंकि उन्होंने उन्हें प्रशिक्षित किया है।

उन्होंने कहा था, “जब हमने इन समूहों से मुंह मोड़ा तो हमसे सब सहमत नहीं हुए। सेना के अंदर भी लोग हमसे सहमत नहीं हुए, इसलिए पाकिस्तान के अंदर हमले हुए।”

उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी सेना को इस बात की जानकारी नहीं थी कि ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में रह रहा था।

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