ram nayek1लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने एक बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव द्वारा २७ जुलाई को दिया गया वक्तव्य राजनीतिक है। ऐसे वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना राज्यपाल के पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। नाईक ने कहा कि वे राज्यपाल पद की गरिमा और मर्यादा का सदैव पालन किया हैं और करते रहेंगे।

२२ जुलाई, २०१४ को उन्होंने राज्यपाल पद की शपथ ली थी कि मैं श्रद्धापूर्वक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन करूँगा तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूँगा और मैं उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूँगा।

रामनाईक ने कहा था-जाति विशेष के लोगों का बोलबाला:-

गौरतलब है कि 22 जुलाई को राज्यपाल के रूप में एक वर्ष पूरा करने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रामनाईक ने कहा था कि यह बातें सुनने में आ रही हैं कि थानों में जाति विशेष के लोगों का बोलबाला है और विभिन्न विभागों में होने वाली नई भर्तियों में जाति विशेष की बहुलता है। राज्यपाल ने कहा था कि वह सरकार से इस बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने पर उनसे भी इस बारे में चर्चा करेंगे।

नूरा कुश्ती भाजपा-सपा में :-

राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने सपा महासचिव रामगोपाल द्वारा राज्यपाल पर लगाए आरोपों को सपा व भाजपा की नूरा कुश्ती बताया। आरोप लगाया कि प्रदेश एवं केंद्र की सरकारें पूरी तरह से फेल हो चुकी हैं इसलिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश शुरू है। राज्यपाल पर आरोप लगाने वाले रामगोपाल को यह बताना चाहिए कि पुलिस में स्थानीय स्तर पर मलाईदार पदों पर कौन काबिज है एवं सरकारी भर्ती में किसका दबदबा रहा? ठेके पट्टों में कौन लोग कमाई कर रहे हैं, सरकारी राहत का लाभ लेने वालों में किसकी संख्या अधिक है?

भाजपा राज्यपाल के बचाव में:-

समाजवादी पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा राज्यपाल राम नाईक पर लगाए आरोपों के बचाव में भाजपा खुलकर आ गयी है। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने रामगोपाल पर मर्यादा व लोकतांत्रिकपरंपरा तोडऩे का आरोप लगाया। अच्छा होता रामगोपाल सूची के साथ अखिलेश सरकार के अफसरों का अनुपात भी जारी करते और लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड, उच्चतर शिक्षा चयन बोर्ड, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थान सेवा मंडल के चेयरमैन की जानकारी भी देते। वाजपेयी ने कहा कि रामगोपाल को गत 40 माह में हुई नियुक्तियों की सूची नाम, पता समेत घोषित करना चाहिए।

एजेन्सी

By vandna

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