नई दिल्ली। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मामले की सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष चल रही सुनवाई में रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने गुरुवार को दावा किया कि संदेह से परे यहां सबूत मौजूद हैं जिससे यह साबित होता है कि अयोध्या में ढहाई गई बाबरी मस्जिद के भीतर एक विशाल संरचना थी। उत्खनन सामग्री से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यहां पर एक मंदिर मौजूद था।
36वें दिन की सुनवाई में वैद्यनाथन ने कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दी गई वह दलील गलत है जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थल मस्जिद था। वैद्यनाथन ने अपने रिज्वाइंडर में कहा, “पहले उनका कहना था कि वहां कोई संरचना नहीं थी। दूसरी बार कहा गया कि यह इस्लामिक संरचना थी या ईदगाह की दीवार थी। लेकिन, हम कहते हैं कि यह मंदिर था जिसे गिरा दिया गया। वहां पर खुदाई में मिले खंभे इस बात का प्रमाण हैं कि यहां पहले मंदिर था।”
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा पुरातात्विवक सर्वे के अनुसार, मंदिर के गिराने का कोई सबूत नहीं मिला है। वैद्यनाथ ने कहा कि यह हिंदू पक्षों का मामला है कि खुदाई से निकली सामग्रियों जिसमें वृत्ताकार मंदिर, स्तंभ आधार, दीवारें और अन्य चीजें शामिल हैं। इनसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां एक मंदिर मौजूद था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आस्था और विश्वास अलग चीजें हैं। इसके लिए प्रमाण नहीं हो सकता।