लंदन। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद कूटनीतिक मैदान में भी भारत के हाथों पिटने से तिलमिलाया पाकिस्तान नकली रुपयों के दम पर आतंकवाद फैलाने के उसी रास्ते पर चल पड़ा है जो नोटबंदी के बाद बंद हो गया था। एक  समाचार एजेंसी ने वरिष्‍ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि पाकिस्‍तान ने लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्‍मद जैसे आतंकवादी संगठनों की फंडिंग के लिए जाली नोटों को छापना और उनकी तस्‍करी करना शुरू कर दिया है। कश्मीर घाटी में आतंकवाद को हवा देने और भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को तबाह करने के लिए वह वर्ष 2016 से पहले नकली नोटों की तस्‍करी का काम करने वाले गिरोहों, सिंडिकेटों, राजनयिक चैनलों और रास्‍तों का इस्‍तेमाल कर रहा है। 

तीन साल पहले भारत सरकार ने कालेधन, नकली करेंसी और टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी की थी। इस कदम से भारत में आतंकवाद फैला रहे पाकिस्‍तान की कोशिशों को करारा झटका लगा था। लेकिन जैसे ही भारत ने धारा 370 खत्‍म करके आतंकियों पर नकेल कसनी शुरू की, पाकिस्‍तान की बेचैनी बढ़ गई। पाकिस्‍तान ने एक बार फिर उन्‍हीं तरीकों का इस्‍तेमाल करना शुरू कर दिया है जिनके बलबूते वह भारत को कमजोर करने का काम करता था। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान ने भारतीय करेंसी के नए नोटों की हूबहू नकल बना ली है और वह इनकी तस्‍करी में पूरी ताकत के साथ जुट गया है। 

वरिष्‍ठ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्‍तान नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में नकली भारतीय नोटों की खेप लाने और उन्‍हें बांटने के लिए राजनयिक चैनलों का इस्‍तेमाल कर रहा है। भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकवादी संगठनों की फंडिंग के लिए पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने खुद मोर्चा संभाला है। वह बढ़िया क्‍वालिटी के नकली भारतीय नोटों को छापने का बंदोबस्‍त कर रही है। हाल ही में डी-कंपनी का सहयोगी यूनुस अंसारी रिहा हुआ है जो मई 2019 में तीन पाकिस्‍तानि‍यों के साथ काठमंडू एयरपोर्ट पर 7.67 करोड़ रुपयों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

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