सूरत। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में गुरुवार को यहां एक अदालत में पेश हुए। उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान की गई टिप्पणी- “सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं”, को लेकर मानहानी का मामला दर्ज है। इस मामले की सुनवाई 10 दिसंबर तक टाल दी गई है। अगली तारीख पर राहुल गांधी को अदालत में उपस्थित रहने की जरुरत नहीं होगी। इससे पहले छुट्टी बिताकर देश वापस आने के बाद राहुल सीधे यहां पहुंचे।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएच कपाड़िया ने स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दायर एक शिकायत को स्वीकार करने के बाद राहुल गांधी को समन जारी किया था जो आपराधिक मानहानि से संबंधित है।
दरअसल, राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट में उपस्थित होने से परमानेंट रिलीफ मांगा गया था। केस दर्ज करने वाले पूर्णेश मोदी के वकील की तरफ से इस बात का विरोध किया गया है। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी से जज ने पूछा कि क्या आप अपना गुनाह कबुल करते है लेकिन राहुल गांधी ने इससे साफ इन्कार कर दिया और कहा कि उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है।
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, “उन्हें तलब किया गया था इसलिए वह यहां आए हैं। कानून को अपना काम करने दें। हम देखेंगे कि अदालत कब फैसला लेगी। जज जो कहेंगे वही किया जाएगा।” वहीं इसे लेकर शक्ति सिंह गोहिल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में, सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष की आलोचना को सहन करना चाहिए। राहुल जी ने कहा था कि ललित मोदी और नीरव मोदी चोर हैं और नरेंद्र मोदी एक विफल नेता है। भाजपा ने मोदी समुदाय से इस बयान को जोड़ा और उनका अपमान किया।”
राहुल के खिलाफ आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। वह शुक्रवार को दोपहर 3 बजे व्यक्तिगत रूप से अहमदाबाद में इसी तरह के एक अन्य मामले में पेश होंगे। राहुल गांधी महाराष्ट्र में 13 और 15 अक्टूबर को और 14 अक्टूबर को हरियाणा में चुनावी सभाओं को संबोधित करने वाले हैं।