स्टॉकहोम। इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को वर्ष 2019 के लिए शांति का नोबेल पुरस्‍कार प्रदान किया जाएगा। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के बयान में कहा गया है कि अबी अहमद अली को यह सम्‍मान शांति कायम करने और अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग प्राप्‍त करने, खासतौर पर पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सीमा विवाद सुलझाने की कोशिशों को लेकर दिया गया है। अबी अहमद अली की निर्णायक भूमिका के कारण इरिट्रिया के साथ 20 साल (1998 से 2000 तक) तक चला युद्ध खत्म हुआ।

नोबेल पुरस्कार से सम्‍मानित होने वाले हर शख्‍स को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की धनराशि दी जाती है। पुरस्‍कार में नकद धनराशि के अलावा 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है।

43 वर्षीय अबी अहमद अली ने अप्रैल 2018 में इथोपिया के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही साफ कर दिया था कि वह इरिट्रिया के साथ शांति वार्ता को आगे ले जाएंगे। इसके बाद उन्होंने इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसैयस अफवर्की के साथ मिलकर शांति बहाली की कोशिशें की जिसके बाद इथोपिया और इरिट्रिया के बीच वर्षों से जारी सीमा विवाद का समाधान हुआ था।

अबी अहमद अली शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले 100वें व्‍यक्ति हैं। साल 1901 से 2018 तक कुल शांति के 99 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं। शांति के नोबेल पुरस्कार से 17 महिलाएं भी सम्मानित की जा चुकी हैं। शांति के क्षेत्र में सबसे कम उम्र की नोबल पदक विजेता पाकिस्तान की मलाला युसुफजई (17) हैं जबकि ब्रिटेन के जोसेफ रोटब्लाट (87) सबसे उम्रदराज विजेता हैं। अब तक दो भारतीय मदर टेरेसा और कैलाश सत्यार्थी भी शांति के नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित हो चुके हैं। मदर टेरेसा को साल 1979 में जबकि 2014 में कैलाश सत्यार्थी को यह पुरस्‍कार प्रदान किया गया था।

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