सचिन श्याम भारतीय, बरेली। 30 साल का हष्ट-पुष्ट युवा, सोना-चांदी का कारोबारी, आज अपनी दवाइयों के लिए दुनिया की दया पर निर्भर हो गया है। डेढ़ साल पहले तक लाखों का कारोबार करने वाला ये परिवार वक्त की मार से मोहताज हो गया। परिवार के एकमात्र कमाने वाला संदीप डेढ़ साल से बिस्तर पर है। पूरे शरीर में जगह-जगह घाव हो गये हैं। कूल्हे खराब हो गये हैं। इलाज के लिए 5 लाख रुपये की दरकार है।
बरेली शहर के कन्हैया टोला में शंकर हलवाई के पास गली नम्बर 18 में रहने वाले संदीप रस्तोगी सर्राफा व्यवसायी हैं। सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था कि डेढ़ साल पहले वक्त ने पलटा खाया। संदीप घर में ही गिर पड़े और उनके कूल्हे की हड्डियां टूट गयीं। महीनों इलाज कराया लेकिन स्थिति और बिगड़ती ही गयी। एक साल पहले संदीप के पिता का भी देहान्त हो गया। इसके बाद हालात काबू से बाहर हो गये। कारोबार बर्बाद हो गया। मकान पर लोन लेकर भी मां ने बेटे संदीप के इलाज में लगाया लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही।
संदीप की मां ने बरेली लाइव को बताया कि बहू यानि संदीप की पत्नी प्राइवेट नौकरी करके घर का गुजर-बसर कर रही है। उसकी भी जरा सी तनख्वाह में से आधी से ज्यादा लोन की किस्त और रोजाना की अनिवार्य दवाइयों में चली जाती है। बाकी से किसी तरह राशन आदि की व्यवस्था हो पाती है।
लाख कोशिशों के बावजूद नहीं बन रहा आयुष्मान कार्ड
उन्होंने बताया कि कई डॉक्टरों और अस्पतालों में दिखाया। संदीप डेढ़ साल से बिस्तर पर ही लेटे रहते हैं। शरीर में जगह-जगह घाव (बेड शूल) हो गये हैं। तमाम अधिकारियों, नेताओं के चक्कर काटकर थक चुके हैं। लाख कोशिशों के बावजूद आयुष्मान कार्ड तक नहीं बन रहा है। सब ओर से निराश होकर मीडिया के माध्यम से लोगों और शासन-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे बेटे की जिन्दगी बच सके।
संदीप की मां ने बताया कि परिवार में संदीप, उसकी पत्नी और एक छोटा सा बेटा है। बड़ी बेटी अपनी नानी के यहां रहकर पढ़ रही है।