लखनऊ। गौ संरक्षण और संवर्धन में अनियमितता पर पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महराजगंज के जिलाधिकारी, दो एसडीएम, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि गौ संरक्षण और संवर्धन योगी सरकार के लिए अत्यंत संवेदनशील मुद्दा रहा है और मुख्यमंत्री पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि इसमें लापरवाही पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुखयमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलाधिकारी महराजगंज अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल देवेंद्र कुमार, उप जिलाधिकारी निचलौल सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव उपाध्याय और उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही अनुशासनिक जांच का निर्देश दिया है।
तिवारी ने बताया कि गौ संरक्षण और संवर्धन में इन अधिकारियों की बड़ी अनियमितता सामने आई है। महराजगंज जिले के मधुबलिया गौ सदन में गौवंश के रखरखाव में अनियमितता के चलते जिलाधिकारी समेत ये पांच अधिकारी निलंबित किये गए हैं। जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां पर 2500 गौ वंश होने चाहिए थे जबकि स्थलीय निरीक्षण में मात्र 900 ही पाए गए। यह काफी गंभीर अनियमितता और शिथिलता है। अपर आयुक्त गोरखपुर की जांच समिति ने पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की। इससे यह लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई। संख्या कम होने के बावजूद यहां पर चारा या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी। यहां पर अभिलेख भी सही नहीं पाये गए। पशुपालन विभाग का यहां 500 एकड़ जमीन का कब्जा था जबकि समिति ने गैरकानूनी ढंग से 380 एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी थी। इसकी ना किसी से अनुमति ली गई, ना ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह कृत्य एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
महराजगंज के निलंबित जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। नगर आयुक्त प्रयागराज के पद पर कार्यरत डॉ. उज्ज्वल को जिलाधिकारी महराजगंज के पद पर तैनाती मिली है। लखीमपुर खीरी के मुख्य विकास अधिकारी रवि रंजन को नगर आयुक्त प्रयागराज के पद पर भेजा गया है।