लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मामले की सुनवाई खत्म होने के कुछ घंटे पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियातन बड़ा कदम उठाते हुए फील्ड में तैनात प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की सभी छुट्टियां 30 नवंबर तक के लिए रद कर दी हैं। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को अपने-अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिये गए हैं। हालांकि शासन का कहना है कि आगामी त्यौहारों के मद्देजनर ऐसा किया गया है। शासन का कहना है कि अति विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकार नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर बहुप्रतीक्षित फैसला अगले  17 नवंबर से पहले आने की संभावना है। माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश खासकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर लेना चाह रही है। शासन ने प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। निषेधाज्ञा लागू किए जाने के बाद अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस और पीएसी बल भी तैनात किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या व आसपास के जिलों की सीमाओं पर पहरा कड़ा कर दिया जाएगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती दीपोत्सव के दृष्टिगत की जा रही है।

अयोध्या में बढ़ाई गई सुरक्षा

डीजीपी मुख्यालय स्तर से अयोध्या में सात एएसपी, 20 सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 उपनिरीक्षक व 500 सिपाही भेजे जाने का निर्देश दिया गया है। दीपोत्सव के दृष्टिगत 26, 27 व 28 अक्टूबर को अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती होगी। सात कंपनी अतिरिक्त पीएसी भेजने का आदेश भी दिया गया है। वर्तमान में अयोध्या में करीब चार कंपनी अर्द्धसैनिक बल और 15 कंपनी पीएसी तैनात है। बताया गया कि डीजीपी मुख्यालय से अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की मांग की गई है। अयोध्या में जिला प्रशासन भी अतिरिक्त सुरक्षा बरत रहा है। जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने एक दिन पूर्व ही जिले में निषेधाज्ञा लागू की है जो 10 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी।

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