नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किए गए मध्यस्थता पैनल ने सहमति रिपोर्ट दाखिल कर दी है जिसमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड विवादित ज़मीन के बदले कहीं और जगह दिए जाने पर सहमत हुआ है। उसने सभी धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति बनाए रखने की भी बात कही है। इस चर्चा में कई अहम हिंदू और मुस्लिम पक्षकार शामिल नहीं हुए थे।
दरअसल, इस मामले में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अलावा 6 और मुस्लिम पार्टियां भी हैं जो इस प्रकार हैंः
1. हासिम अंसारी/इकबाल अंसारी
2. एम. सिद्दीकी
3. मिसबाहुद्दीन
4. फारुख अहमद
5. मौलाना मेहफुजूरह्मान
6. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड
दरअसल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या मामला वापस लेने का फैसला लिया है। बोर्ड के चेयरमैन ने मुकदमा वापस लेने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को भेजा। इसके बाद मध्यस्थता पैनल ने सेटलमेंट दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया। हालांकि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अपील वापस लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया कि आज (बुधवार को) शाम 5 बजे तक हर हाल में बहस पूरी होगी। उन्होंने तय पक्षकारों के अतिरिक्त किसी अन्य को हस्तक्षेप की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।