लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत की प्रक्रिया में बदलाव की सिफारिश की है। इस बाबत एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया है। विभिन्न संगठनों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत करने के साथ ही इसके लिए संविधान में संशोधन करने की मांग की है। गौरतलब है कि उप्र में अगले साल पंचायत चुना होने हैं।
अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन के महासचिव नानक चंद शर्मा ने कहा कि जिला एवं क्षेत्र पंचायतों में भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए अध्यक्ष पद पर जनता से सीधे चुनाव कराने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। इसको लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चल रहा है। किसान नेता जयचंद भगत का कहना है कि पंचायतों से भ्रष्टाचार को हटाना है तो नगरीय निकायों की तर्ज पर जिला एवं क्षेत्र पंचायतों में अध्यक्ष पद का सीधा चुनाव कराया जाए।
जिला एवं क्षेत्र पंचायतों के अध्यक्षों के भी सीधे चुनाव कराने की मांग के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है। मेरठ जिला पंचायत के अध्यक्ष कुलविंद्र गुर्जर एवं हापुड़ जिला पंचायत अध्यक्ष अमृता कुमार ने भी कहा कि अध्यक्ष पद पर जनता से सीधे चुनाव कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। इस बीच उत्तर प्रदेश पंचायती राज संगठन एवं प्रधान संघों ने भी हस्ताक्षर अभियान चलाकर पंचायतों में खरीद-फरोख्त की राजनीति पर लगाम लगाने के लिए जिला एवं क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता ही से कराने की मांग की है।
जिला एवं क्षेत्र पंचायतों का चुनाव सदस्यों द्वारा कराए जाने कीवजह से खरीद-फरोख्त इस कदर बढ़ चुकी है कि पिछले सात वर्षों में सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर 42 जिला पंचायत अध्यक्षों और 209 ब्लाक प्रमुखों और को हटा दिया गया। इस खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के लेन-देन के आरोप लगते रहे हैं। अंगुलियां सरकार पर भी उठी हैं
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“योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए संकल्पबद्ध है। अप्रत्यक्ष चुनाव जिला एवं क्षेत्र पंचायतों में भ्रष्टाचार की जननी है। इसलिए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर केंद्र सरकार को लिखे पत्र में संविधान के 73वें संशोधन में बदलाव का आग्रह किया गया है।”
-भूपेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री